मध्यप्रदेश के 70 प्रतिशत विधायक करोड़पति, 25 विधायक कर्जें में डूबे

भोपाल। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में नवनिर्वाचित विधायकों में करोड़पतियों का बोल-वाला है। इस बार निर्वाचित होकर आए कुल विधायकों में से दो तिहाई ऐसे हैं जो करोड़पति है। वहीं कई विधायक ऐसे हैं, जिनकी कुल संपत्ति 10 लाख रुपये भी नहीं है।

मध्यप्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) द्वारा जारी किए गए ब्यौरे में बताया गया है कि राज्य विधानसभा में निर्वाचित होकर आए 230 विधायकों में से 161 (70 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं। वहीं पिछले चुनाव पर गौर करें तो पता चलता है कि 87 (40 प्रतिशत) विधायक ही करोड़पति थे। इस तरह इस बार पिछले चुनाव की तुलना में करोड़पति विधायकों की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

निर्वाचित करोड़पति विधायकों की संख्या पर पार्टीवार गौर किया जाए तो पता चलता है कि भाजपा के 165 विधायकों में से 118 (72 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं। वहीं कांग्रेस के 58 विधायकों में 40 (69 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं। राज्य की 2013 की विधानसभा में प्रति विधायक औसत संपत्ति 5.24 करोड़ रुपये है जबकि यह 2008 में 1.49 करोड़ रुपये थी।

विधायकों की औसत संपत्ति को देखें तो पता चलता है कि भाजपा में प्रति विधायक औसत संपत्ति 4.61 करोड़ रुपये है। वहीं कांग्रेस में प्रति विधायक औसत संपत्ति 7.11 करोड़ रुपये है। बसपा विधायकों की औसत संपत्ति 3.22 करोड़ रुपये है। सर्वाधिक घोषित संपत्ति वाले मुख्य तीन विधायकों में विजयराघवगढ से कांग्रेस विधायक संजय पाठक (121.32 करोड़ रु़), रतलाम नगर से भाजपा विधायक चेतन कश्यप (120.29 करोड़ रु़) तथा तेंदूखेडा से भाजपा विधायक संजय शर्मा (65.42 करोड़ रु़) शामिल हैं।

बीते पांच वर्षो (2008-2013) के दौरान संपत्ति में सर्वाधिक बढ़ोतरी के मामले में विजयराघवगढ से चुने गए कांग्रेस के विधायक संजय पाठक अव्वल है। उनकी संपत्ति में 87.15 करोड़ (255 प्रतिशत) बढ़ोतरी हुई है। 2008 में उनकी संपत्ति 34.17 करोड़ थी जो 2013 में बढ़कर 121.32 करोड़ रुपये हो गई। इसी तरह पिछोर विधानसभा क्षेत्र से पुनर्निर्वाचित विधायक कांग्रेस के क़े पी़ सिंह काकजू की संपत्ति में 49.23 करोड़ रुपये (429 प्रतिशत) की बढ़ोतरी हुई है। उनकी संपत्ति वर्ष 2008 में 11.48 करोड़ थी जो 2013 में बढ़कर 60.72 करोड़ रुपए हो गई।

इसी तरह भोजपुर से चुने गए भाजपा के सुरेंद्र पटवा की संपत्ति में 31.32 करोड़ रुपये (468 प्रतिशत) की बढ़ोतरी हुई है। यह 2008 में इनकी सम्पत्ति 6.69 करोड़ रुपये थी जो कि बढ़कर 2013 में 38.02 करोड़ रुपये हो गई है।

एक तरफ जहां कई विधायकों की संपत्ति बढी है, वहीं कई की संपत्ति में कमी भी आई है। इनमें भाजपा के तीन विधायक हैं। डा. आंबेडकर नगर, महू से निर्वाचित कैलाश विजयवर्गीय की संपत्ति में 28 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। इनकी सम्पत्ति 2008 में घोषित 2.55 करोड़ रुपये से घटकर 2013 में 1.83 करोड़ रुपये हो गई।

इसी तरह हाटपिपल्या से चुने गए दीपक जोशी की संपत्ति में 10 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। इनकी सम्पत्ति 2008 में घोषित 40.94 लाख रुपये से घटकर 2013 में 36.82 लाख रुपये ही रह गई है। वहीं खरगोन से चुने गए भाजपा विधायक बालकृष्ण पाटीदार ने अपनी संपत्ति में नौ प्रतिशत की कमी दर्ज कराई है। इनकी सम्पत्ति 2008 में घोषित 3.84 करोड़ रुपये से घटकर 2013 में 3.51 करोड़ रुपये हो गई।

एक तरफ जहां करोड़पति विधायक चुने गए हैं, वहीं कई ऐसे है जिनकी संपत्ति 10 लाख भी नहीं है। सबसे कम संपत्ति वाले विधायकों में इंदौर-3 विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक ऊषा ठाकुर दीदी है जिनकी सबसे कम संपत्ति (1.38 लाख रुपये) है। वहीं झाबुआ से भाजपा विधायक शांतिलाल भिलवाल ने 4.88 लाख रुपये व जतारा से कांग्रेस विधायक दिनेश अहिरवार ने 6.02 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की है।

राज्य के निर्वाचित 25 विधायक ऐसे हैं जिन पर एक करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की देनदारी है। सर्वाधिक देनदारी घोषित करने वाले विधायकों में विजयराघवगढ़ से कांग्रेस विधायक संजय पाठक (48.70 करोड़ रुपये), भोजपुर से भाजपा विधायक सुरेंद्र पटवा (34.49 करोड़ रुपये) तथा उज्जैन दक्षिण से भाजपा विधायक डा़ मोहन यादव (5.11 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

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