नई दिल्ली। रेप के आरोपों में फंसे आसाराम ने सर्वोच्च से शिकायत की है कि उनकी छवि बिगाड़ी जा रही है। इसके लिए उन्होंने मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग की थी। आसाराम ने शुक्रवार को अदालत में कहा कि उन्हें बच्चों का खून पीने वाले ड्रैकुला की तरह पेश किया जा रहा है और आपत्तिजनक खबरें प्रसारित हो रही हैं।
उन्होंने मीडिया पर उनके मामले की कवरेज पर रोकने का आदेश देने की मांग की थी लेकिन न्यायालय ने ऐसा कोई आदेश देने से इंकार कर दिया। उन्हें किसी और मंच पर जाने की भी सलाह दी।
आसाराम के वकील ने न्यायाधीश पी. सतशिवम की पीठ के सामने कहा कि आसाराम को ड्रैकुला के रूप में पेश किया जा रहा है। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय मीडिया को पुलिस और अन्य स्रोतों से मिली रही खबरों को प्रकाशित करने से नहीं रोक सकता।
न्यायालय में आसाराम के वकील ने दलील दी कि मीडिया में यह खबर दिखाई जा रही है कि उनकी पत्नी और बेटी उनके पास लड़कियां भेजती थीं। इसके जवाब में न्यायालय ने कहा कि इनका इलाज कुछ और है और सर्वोच्च न्यायालय ही एकमात्र रास्ता नहीं है।
न्यायालय ने कहा कि वह अपनी शिकायत लेकर किसी और फोरम के पास भी जा सकते हैं। इसके बाद आसाराम के वकील ने याचिका वापस ले ली।
इससे पहले वकील ने यह दलील दी थी कि वह पूरे मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग नहीं कर रहे लेकिन दो प्रमुख चैनल एसे हैं जो नियमित तौर पर आसाराम के खिलाफ आपत्तिजनक खबरें प्रसारित कर रहे हैं।
आसाराम अपने जोधपुर आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी है। उन पर और उनके बेटे नारायण साईं पर सूरत की दो सगी बहनों ने भी कई सालों तक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।