विंध्याचल अग्निकांड में भ्रष्टाचार से जुड़ीं कई फाइलें स्वाहा

भोपाल। भाजपा के पिछले 10 साल के शासनकाल में जितने भी गोलमाल हुए उनमें से ज्यादातर मामलों की फाइलें स्वाहा हो चुकीं हैं। विंध्याचल में बीती रात लगी आग में ज्यादातर वो रिकार्ड नष्ट हुआ है जिसके नाम पर शिवराज ने वोट मांगे थे और जिन योजनाओं में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे।

इस अग्निकांड को लेकर तमाम तरह की बातें उठ रहीं हैं। इधर आग लगी हुई थी और सभी अहम फाइलें धू-धू करके जल रही थीं, उधर हाई अलर्ट पे रहने वाली खास टीम गहरी नींद में थी। ये वही टीम है, जिसे मंत्रालय, विंध्याचल व सतपुड़ा भवन में आगजनी और अन्य आपदाओं से निपटने के लिए 15 साल पहले गठित किया गया था।

यह विशेष टीम फायर मुख्यालय में 15 साल से हाईअलर्ट तैनात है और गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात भी यहां तैनात थी लेकिन विंध्याचल में आगजनी की घटना के बाद मौके पर पहुंचने में उसको पौन घंटा लगा। हालत ये है कि यहां 50 जवानों को केवल इसी लिए यह तैनाती की गई है। गौरतलब है कि 1998 में दिग्विजय सिंह सरकार ने तीन महत्वपूर्ण भवनों की हिफाजत के लिए यह टीम बनाई थी।शासकीय भूमि पर तीनों प्रशासनिक भवनों के लिए पुलिस फायर स्टेशन बनाया था। मंत्रालय के नजदीक 1998 में बनाए गए इस स्टेशन पर 50 पुलिस के जवानों के साथ दर्जनभर अफसरों की तैनाती की गई थी।

साथ ही प्रशासनिक भवनों पर आग जैसी घटनाओं के निपटनें के लिए वाहनों के बेड़े में दर्जनभर दमकलों को शामिल किया गया था। इस हादसे का रौचक एंव गंभीर पहलू यह है कि इस भीषण आग्निकांड के दौरान महज डेढ़ सौ मीटर फायर स्टेशन मुख्यालय से पौन घंटे का समय लगा, जबकि पांच किमी दूर का फासला तय कर नगर निगम की दमकलें मौके पर पहुंच गई थी। घटना के बाद शुक्रवार दोपहर एडीजी फायर विजय कुमार मौके पर पहुंचे थे।

परशुराम के निर्देश पर हुई थी नई फिटिंग :
पूर्व मुख्य सचिव आर. परशुराम ने अपने कार्यकाल के दौरान साल भर पहले यहां की बिजली फिटिंग दुरुस्त करवाई थी। इसके बाद यहां पर शॉर्ट-सर्किट अजीब बात है।

योजनाओं के रिकार्ड जले :
जिन योजनाओं के दम पर भाजपा ने वोट मांगे थे। पंचायत एंव ग्रामीण विकास के अधीन इन योजनाओं के रिकार्ड भी इस आगजनी में जल गए। इनमें मुख्य रूप से मिड डे मिल सहित करीब डेढ़ दर्जन परियोजनाओं के रिकार्ड जलाए गए हैं।

विंध्याचल में देर तक रुके थे दो चपरासी :
विंध्याचल में आगजनी की घटना के बाद पुलिस ने चौकीदार और विभागीय अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान आगजनी में घायल हुआ चौकीदार जवाहर चौक निवासी मोहन कुशवाह को हालत खराब होने पर जेपी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस को दिए उसके बयान में उसने बताया है कि पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग के दो चपरासी आफिस बंद होने के बाद भी देर तक रूके रहे थे। इस खुलासे के बाद इस आगजनी की घटना में नया मोड़ आ गया है।

23 कमरों में फैल गई थी आग:
पंचायत एवं ग्रामीण विकास बजट एवं स्थापना में आग लगने के बाद उसने पूरे कमरे में रखी फाइलों को जलाया। धीरे -धीरे आग बिजली की केबल के सहारे अकाउंट सेंक्शन के कमरों में पहुंची। एचओडी के कमरे का जलाने के बाद वह 100 मीटर में स्थित 23 कमरों में आग पूरी तरह से फैल गई थी।

सुरक्षा बढ़ाने लिखा डीजीपी को पत्र
प्रदेश कांगे्रस ने पुलिस विभाग के अफसरों को पत्र लिखकर राजधानी स्थित सरकारी दμतरों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। पार्टी ने डीजीपी और एआईजी (फायर) को पत्र लिखकर कहा कि 25 नवम्बर को राज्य मंत्रालय के रिकार्ड रूम में तथा 28 और 29 नवम्बर की दरमियानी रात विभागाध्यक्षों के विंध्याचल भवन स्थित कार्यालयों में अग्निकांड की पुनरावृत्ति को टालने और महत्वपूर्ण सरकारी रिकार्ड की सुरक्षा की जाए। प्रदेश कांगे्रस के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा ने शुक्रवार को इन दोनों अधिकारियों को यह पत्र भेजा है। श्री नीखरा ने पत्र में कहा है कि यदि राजधानी में विभिन्न स्थानों पर स्थित महत्वपूर्ण सरकारी भवनों की सुरक्षा व्यवस्था को जवाबदेह बनाने के लिए कदम नहीं उठाये गये तो ऐसे अग्निकांडों की पुनरावृत्ति को रोकना संभव नहीं हो सकेगा।

अग्निकांड पर सरकार की सफाई
राज्य सरकार ने विंध्याचल भवन में लगी आग पर अपनी सफाई दी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव और विकास आयुक्त अरुणा शर्मा ने कहा कि 28 एवं 29 नवम्बर की रात पुलिस के गश्ती दल को विंध्याचल भवन में विद्युत तारों के जलने और आग लगने की सूचना मिली थी। इसके बाद अग्निशमन दल और नगर निगम अमले ने आग पर नियंत्रण किया। निरीक्षण में यह पाया कि विकास आयुक्त कार्यालय में सिर्फ डी-2 (वित्त एवं स्थापना शाखा) में आग लगी। इसके अलावा अन्य सभी कमरे पूर्णत: सुरक्षित है तथा पानी भर जाने से और बिजली काट दिये जाने से वहां अंधेरा है। डी-2 शाखा के अलावा कहीं भी किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई है। कार्यालय में जगह-जगह सिर्फ काले धुएं की परत जम गई है। विकास आयुक्त व अपर विकास आयुक्त का कक्ष और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित सभी महत्वपूर्ण योजनाओं के अभिलेखों को क्षति नहीं पहुंची है। जांच के लिए अपर आयुक्त, वित्त व संयुक्त आयुक्त, स्थापना सहित तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है।


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