भोपाल। नीमच जावद विधानसभा चुनाव के अंतर्गत काग्रेस प्रत्याशी रघुराज चैरडिया के पक्ष में केंद्रीय राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जावद विधानसभा क्षेत्र के झातला मुख्यालय पहुंचे जहां उन्होने एक चुनावी सभा को संबोधित किया।
कांग्रेस के इस कार्यक्रम में कांग्रेस भीड जुटाने में नाकाम रही। वही खुद कांग्रेस के ब्लाक के कार्यकर्ता भी इस आमसभा में नही पहुंचे। इसकी चर्चा पूरे विधानसभा क्षेत्रभर में हो रही है और तो और क्षेत्र की सांसद मीनक्षी नटराजन भी इस आमसभा आने वाली थी मगर वह भी इस सभा मे नही पहुचीं।
श्रीमंत सिंधिया चेहते काग्रेस प्रत्याशी रघुराज चैरडिया को टिकट देने की वजह से यहां पर इस तरह की स्थिति पैदा हुई यहां से सभी कांग्रेस कार्यकर्ता ने इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस बागी नेता राज कुमार अहिर को सर्मथन दे रहे है।
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ओर मप्र में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के संभावित ग्लेमरस चेहरे श्रीमंत सिंधिया का जादू मनासा विधानसभा क्षेत्रों में चलता नहीं दिखा! हेलीकाप्टर की आसमान में गड़गड़ाहट के बाद भी अपेक्षा के अनुरूप लोगो का जमावड़ा नही दिखा। दोनों जगहों में से झांतला मेें पन्द्रह सो लोगो से ज्यादा की तथा आंत्री में कोई चार हजार से ज्यादा की उपस्थिति नहीं बन पायी। आंत्री में ये हालात भी तब बने जब भीड़ जुटाने के व्यापक प्रबंध किये गये।
सिंधिया महाराज ने भी हालातों को देख जल्दी जल्दी काम निपटाने में आतुर नजर आये ! झांतला ओर आंत्रीमाता की दोनों सभाओं में सिंधिया महाराज के साथ अपून की सांसद मीनाक्षी मेडम नजर नहीं आयी ! वे क्यों दोनों सभाओं से परहेज कर बैठी इसको लेकर कांग्रेसजनों में जमकर चर्चा हो रही है !
अधिकार सब याद है पर,कर्तव्य नहीं !
नीमच झांतलाध् आंत्री की सभाओं से गैर हाजिर रहने पर तथा दोनों ही सभाओं को लेकर मीनाक्षी मेडम की बनायी जेबी जिला कांग्रेस द्वारा अरूचि दिखाई देने की घटना कांग्रेस की अंर्तकलह को साफ तौर पर रेखांकित करती नजर आ रही है ! जिला कांग्रेस की ओर से दोनों सभाओं के लिए न तो कोई प्रबंधन किया ओर न ही एक प्रेस रिलिज भी जारी करना उचित समझा।
जो कुछ भी प्रबंधन हुआ या फिर विज्ञापन व प्रेस रिलीज उम्मीदवारों को अपने स्तर पर ही करना पड़ा ! संगठन की भूमिका पूरी तरह नदारद थी ! खुद भी नहीं आयी ओर उनका संगठन भी उदास बना रहा तो इसे क्या समझा जाए ! क्या ये माना जाये कि सांसद मेडम खुद संदिग्ध भूमिका में नजर आ रही है ! सांसद के समूचे खेमें पर सवाल उठ रहे है !
नीमच में उनके भरोसे के दरबारी कांग्रेस उम्मीदवार को निपटाने के लिये खुले में निर्दलीय उम्मीदवार राजू तिवारी के लिये काम करते नजर आ रहे है ! राहुल बाबा संगठन को मजबूत करने ओर उन्हें अधिकार देने की बाते करते हैं ! पर, उनकी ही करीबी मीनाक्षी मेडम का रवैया चलते चुनाव में कैसा है ! ये विरोधाभासी हालात इलाके में कांग्रेस को कमजोर करते नजर आ रहे है ! वे सभाओं में क्यो उपस्थित नहीं हुई! इसको लेकर भी बाते हो रही है !
टिकिट लेने वक्त तो सांसद मेडम को अपने सब अधिकार याद थे ! उनके अधिकारों की मधुसुदन मिस्त्री तक सुनवाई नहीं हो पा रही थी तो वे सोनियाजी तक पहुंचकर माथाफोड़ा करती नजर आ रही थी ! टिकिटों को लेकर अपने अधिकार की लड़ाई में तो वे जीत गई ! सभी टिकिट वे अपने अनुरूप लेने में कामयाब रही ! पर, अधिकार के बाद संगठन के प्रति उनके क्या दायित्व बनते है ये सबकुछ उन्हें लगता है याद नहीं है !
संगठन भी उनने अनुरूप बनाया था ! तब भी उनने अपने अधिकारों के बल पर जिला संगठन बनाया था ! पर, अब वे संगठन ढंग से काम नहीं कर रहे है तो सांसद मेडम भी गायब हो गयी ! चलते चुनाव में ये हालात कांग्रेस के लिए चिंता भरे बन पड़े है ! कांग्रेस की ! कांग्रेस के उम्मीदवारों की ! सांसद मेडम की ओर सांसद मेडम के बनाये संगठनात्मक ढांचे के हालात निश्चित ही शर्मसार कर देने वाले बन पड़े है ! शायद ये जमीनी सच्चाई का अहसास न तो राहुल बाबा को पता है ओर न अपून की सांसद मेडम को ! उन्हें सिर्फ ओर सिर्फ अपने अधिकारों का पता है ! दायित्व क्या होते है ये वे नहीं जानती है ! उनके अधिकारों के हनन की बात होती है तो वे सोनियाजी तक दोड़ पड़ती है ओर कलेक्टर के यहां उनके अहम को चोट पहुंचती है तो वे कांग्रेसजनों को कलेक्टर के खिलाफ सड़कों पर उतरने का फरमान सुना बैठती है ! पर, सिंधिया महाराज की सभाओं के लिये वे भीड़ जुटाने के कोई प्रबंध करते नजर नहीं आती ओर खुद भी वहां आने से परहेज कर बैठती है तो इसे क्या माना जाये ! कुछ लोगो का तो यहां तक कहना है कि नीमच की गांधी भवन की घटना से वे बेहद डरी ओर सहमी है ! झांतला ओर आंत्री में भी उन्हें टिकिटों से उपजे असंतोष का अहसास था ! उससे घबराकर वे अपने ही संसदीय क्षेत्र में सिंधिया महाराज की सभाओं से पलायन कर बैठी ! ये उनके व्यक्तित्व के लिए एक शर्मनाक बात बन पड़ी है ! क्या हालात हो गई है उनकी ! राहुल बाबा पता करें तो मालुम पड़े कि पिपलिया के कर्णधार कांग्रेसजन माने जाने वाले नेताओं ने उन्हें क्या क्या नहीं कहा ! कोई भी साधारण कार्यकर्ता अपने स्तर पर अपने ही सांसद को हड़काने की जुर्रत नहीं कर सकता ! पर, पिपलिया मेें अपून की मेडम के साथ ये सबकुछ हुआ है ! कांग्रेस के हालात दोनों जिलों में क्या बन पड़े है ! ये साफ नजर आने लगा है ! जावद से लेकर जावरा तक की सभी आठों सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ बना माहौल साफ नजर आ रहा है ! कांग्रेस के अन्दर का असंतोष भी सभी आठों सीटों पर दिख रहा है ! एक चीज ओर अभी बन रही है! वो ये कि मीनाक्षी मेडम के खिलाफ पनपा असंतोष नीमच, मनासा, मल्हारगढ़, मंदसौर ओर सुवासरा सीट पर साफ झलक रहा है ! कांग्रेस के लोग इन क्षेत्रों में कांग्रेस की हार को ये मानकर सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे है ताकि इस इलाके को मीनाक्षी मेडम के नेतृत्व से मुक्ति मिल जाये ! देखना है, आगे आगे ओर क्या होता है !