भोपाल। प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) के फर्जीवाडे में लिप्त तीन गिरोहों और व्यापमं के तत्कालीन नियंत्रक डॉ. पंकज त्रिवेदी व नितिन महिंद्रा की बीच आपसी मिलीभगत के तार एसटीएफ जोड़ेगा।
तीनों गिरोह के सरगना डॉ. सागर, सुधीर राय और संजीव शिल्पकार को एसटीएफ गिरतार कर चुकी हैं, जो कि पूर्व से ही रिमांड पर हैं। सोमवार को एसटीएफ ने व्यापमं के तत्कालीन नियंत्रक डॉ. त्रिवेदी, महिंद्रा, सीके मिश्रा व अजय कुमार को भी एक नवंबर तक के लिए रिमांड पर ले लिया। एसटीएफ अब पीआर के दौरान इन गिरोह के सरगनों और व्यापम के अफसरों से आपसी मिलीभगत उगलवाएगी। क्योकि इन गिरोह के सदस्यों ने पूछताछ में व्यापमं के नितिन महिंद्रा और तत्कालीन नियंत्रक डॉ. पंकज त्रिवेदी की मिलीभगत कबूली है, जबकि व्यापमं के अफसर पूछताछ में मिलीभगत से इंकार करते रहे हैं।
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा गिरतार सुधीर राय का लिंक व्यापमं के नितिन महिंद्रा हैं, जिसके माध्यम से डॉ. त्रिवेदी भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हुए। दूसरा गिरोह ग्वालियर का डॉ. सागर संचालित करता है।
जो कि नितिन महिंद्रा के साथ मिलकर पीएमटी परीक्षाओं में स्कोरर बैठाकर परीक्षार्थियों को पास करता था। इसमें भी डॉ. त्रिवेदी की अहम भूमिका रहती थी। तीसरा गिरोह रेडियोलॉजिस्ट डॉ. संजीव शिल्पकार का है, जिसके लिए विकास सिंह परीक्षार्थी लाता था, संजीव इन परीक्षार्थियों की डॉ. पंकज त्रिवेदी व नितिन महिंद्रा के माध्यम से सीटिंग फिक्स करता था। बताया गया है कि इसके एवज में संजीव शिल्पकार ने डॉ. पंकज त्रिवेदी को 20 लाख रुपए भी दिए थे।
इन तीनों ही गिरोह की कड़ी कंप्यूटर आॅपरेटर सीके मिश्रा, अजय कुमार, नितिन महिंद्र और डॉ. पंकज त्रिवेदी से जुड़ी हुई है। ऐसे में एसटीएफ अब इन गिरोह के सरगनाओं से सामना कराकर व्यापमं के अफसरों और कर्मचारियों की संलिप्पता उजागर करेगी।