राकेश दुबे@प्रतिदिन। राहुल बाबा आज मध्यप्रदेश में बोल रहे थे, परन्तु उसकी धमक दिल्ली में सुनाई दे रही है | दिल्ली में इस भाषण का अर्थ कुछ और लगाया जा रहा है | सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, दिल्ली का प्रशासनिक क्षेत्र भी इस भाषण को ठीक न मानकर आलोचना कर रहा है |
राहुल बाबा आज मध्यप्रदेश में राहतगढ़ और इंदौर में राहुल बाबा ने कहा की मुजफ्फरनगर में दंगे के बाद वहाँ के अल्पसंख्यक युवकों से पाकिस्तान के लोग मिले थे | अगर राहुल बाबा सच कह रहे है, तो केंद्र और उत्तरप्रदेश सरकार क्या सो रही थीं ? क्या होगा अगर देश के हर अंदरूनी मामले में पाकिस्तान अपनी नाक घुसेडेगा | परिणाम सोच कर ही बुद्धि चकरा जाती है |
इससे ज्यादा तरस उन लोगों की बुद्धि पर आता है जो राहुल बाबा को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बोलने की सलाह दे रहे हैं | अपनी हत्या की आशंका,हत्यारों की जानकारी और मुजफ्फरनगर जैसे मसलों पर गम्भीर जानकारी और उसका सार्वजनिक चुनावी सभा में प्रकटीकरण क्या किसी अपराध से कम नहीं है | चुनावी आचार संहिता इससे छोटे मामलों में नोटिस जारी कर देती है | ख़ैर दोनों विषय गम्भीर है राहुल बाबा को स्वत: इन मामलों में गृह मंत्रालय को पत्र लिखना चाहिए और सरकार को फौरन जाँच करना चाहिए |