रायसेन/हबीब सिद्दीकी। सामान्यत: माफिया के नेता बनने की खबरें सुनाई देतीं हैं परंतु यहां तो भाजपा के कुछ छुटभैये नेता ही रेत माफिया बन गए। अब आचार संहिता लगे या चुनाव हो जाएं, वो तो अपने अवैध उत्खनन में खुलेआम लगे हुए हैं। नेताओं पर लगाम लगाने वाला चुनाव आयोग भी इनका कुछ बिगाड़ नहीं सकता।
जिले मै इन दिनों जीवन दायनी नदियों का जम कर चीरहरण किया जा रहा है और ऐसा नहीं की इस बात की खबर खनिज विभाग को न हो परन्तु विभाग के अधिकारी और निरीक्षक कुंभकरण वाली नींद से जाग ही नहीं पा रहे हैं।
सत्ताधारी दल के छुट भय्ये नेता विभाग की मिली भगत से रायसेन तहसील मे पग्नैश्वर जाखा गैरतगंज मे बेगम नदी उदयपुरा मे आस पास की नदियों से रात मै जम कर इस धन्धे मै चांदी काट रहे हैं कलेक्टर के लाख निर्देशों के बावजूद इन पर आला अधिकारीयों का तनिक भी डर नहीं जबकि ऐनजीटी द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस सबन्ध मै पत्र भेज कर सख्ती से पालन के निर्देश भी दिये जा चुके है।
अवैध उत्खनन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन तो है ही सुप्रीम कोर्ट ऐनजीटी और पर्यावरण मंत्रालय के आदेशों की अवहेलना भी है जबकि विगत माह पूर्व नॅशनल ग्रीन टेर्बूनल नदी तटों पर बालू रेत के अवैध खनन पर प्रतिबंध लगा चूका है पूरे देश मै बिना पर्यावरण विभाग की मंज़ूरी के नदी किनारे बालू रेत खनन पर प्रतिबंध लगा चूका है ऐनजीटी नै ये क़दम नदी किनारे हो रहे अंधाधुन्द बालू खनन को रोकने को उठाया है।
परन्तु जिले मै खनिज विभाग की मिली भगत से उक्त कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है अधिकारी और निरीक्षक भी इन कारोबारियों से जम कर वसूली कर रहे है जिले मै इन दीनो रामनाम की लूट मची है जिसमे बैखोफ नदियों का जम कर चीरहरण किया जा रहा है अब देखना ये दीलचस्प होगा की प्रदेश मे अचार सहिता के चलते अधिकारी कितना सत्ताधारी दल के नेताओं को लाभ पहुंचा पाते है या फीर आयोग के डंडे के डर के चलते इन माफियाओं पर कार्यवाही होगी की नहीं।