राकेश दुबे@प्रतिदिन। राहुल बाबा के तेवर देख कर कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को नींद नहीं आरही है | जिन चार राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं वहां के नेताओं में राहुल बाबा की सभाएं शांति से निपट जाएँ,यह पहली चिंता है |
राहुल बाबा द्वारा कांग्रेसी सांसदों को लिखे गये एक पत्र के बारे में चर्चा का बाज़ार गर्म है| पता नहीं इस बार बाबा ने अपने दोनों गुरुओं में से किससे सलाह ली मालूम नहीं, नींद तो यू पी ए के सहयोगियों की भी राहुल बाबा ने उडा रखी है |
मायावती, मुलायम सिंह तो राहुल बाब के बाणों से घायल थे ही अब शरद पवार भी असहज महसूस करने लगे है | अध्यादेश वापसी को लेकर राहुल बाबा ने जो तेवर अपनाये थे , उससे सबसे ज्यादा पीड़ा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को हुई थी | कल संगरूर में राहुल बाबा ने उन्हें गुरु बताकर मरहम लगा दिया |
मायावती ने बाबा उवाच के बाद कांग्रेस पर हमला बोला तो मुलायम सिंह की ओर से आजम खान ने राहुल बाबा के पुरखे बखान दिए | शरद पवार राहुल बाबा के उस वाक्य से ज्यादा घायल है “ कांग्रेस को बहुमत के लिए एन सी पी की जरूरत नहीं है|” यह निश्चित है की राहुल बाबा कांग्रेस के सर्वेसर्वा होगे, उनसे पंगा लेने की हिम्मत कौन करेगा | अभी तो मध्यप्रदेश के नेताओं की नींद उडी है की चुनाव के पहले अगर इसे उसे या किसे मुख्यमंत्री घोषित कर दिया तो क्या होगा ?
