भोपाल। राज्य अध्यापक संघ मप्र के जिला शाखा अध्यक्ष डीके सिंगौर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सितम्बर 2013 से अध्यापक संवर्ग की वेतन संरचना में परिवर्तन किया गया है जिसके परिपेक्ष्य में शिक्षक और अध्यापक के वेतन में अंतर की राशि निकालकर 4 किस्तों में अंतरिम राहत प्रदान की गई है।
अंतरिम राहत की गणना सेवा अवधि के आधार पर की गई है। सेवा अवधि की गणना अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति दिनांक या उसके पश्चात अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति के दिनांक से की गई है। आदेश में पदोन्नत अध्यापकों के लिये सेवा की गणना पदोन्नति के दिनांक से करने का कोई उल्लेख नहीं है बावजूद इसके कतिपय आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा पदोन्नत अध्यापकों को पदोन्नति के दिनांक से गणना कर न्यूनतम अंतरिम राहत प्रदान की जा रही है।
जिससे पदोन्नत अध्यापकों को आर्थिक क्षति हो रही है। संघ ने इसे गलत बताते हुये पदोन्नत अध्यापकों के सेवा की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक से ही करते हुये सहायक अध्यापक से बने अध्यापक को 2600रू. व अध्यापक से बने वरिष्ठ अध्यापक को 1750रू. की अंतरिम राहत अण्डरटेकिंग लेकर दी जाने की बात की है। संघ ने शासन से क्रमोन्नत अध्यापकों को भी उक्तानुसार लाभ दिये जाने की मंाग की है। अध्यापक संवर्ग की वेतन संरचना में परिवर्तन सम्बंधी आदेश सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा पृष्ठांकित कर लाभ देने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं।