किसी भी पार्टी ने नहीं माना, चुनाव आयोग निष्पक्ष है

भोपाल। भाजपा और कांग्रेस ने रविवार को चुनाव आयोग पर निशाना साधा। मुख्य चुनाव आयुक्त वीके संपत से भाजपा ने आयोग पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि मध्यप्रदेश में तो चुनाव आयोग का कोई अस्तित्व ही नहीं है।

आयोग चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए अपनी प्रामाणिकता सिद्ध करे। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर आयोग ने राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने कहा कि दिल्ली में सरकारी भवनों में कांग्रेस राजनीतिक बैठकें कर रही है, जो आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। वहीं, प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने निवास पर पार्टी के लोगों से चर्चा करते हैं तो यह आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है।

इसी तरह दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दशहरा आयोजन में भाग लेते हैं तो इस पर आयोग मौन रहता है। इधर, मुख्यमंत्री व अन्य नेता धार्मिक आयोजनों में भाग लेने की इजाजत मांगते हैं तो उन्हें आचार संहिता के नाम पर मना कर दिया जाता है।

शर्मा ने बताया कि आयोग ने राहुल गांधी के इंदौर में दिए विवादित बयान पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। भाजपा की एक शिकायत पर आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी महापुरुष की प्रतिमा आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा ने कहा कि प्रदेश में उद्योगमंत्री कैलाश विजयवर्गीय चुनाव आचार संहिता को ठोकर मारने जैसा बयान देते हैं और बाद में यह भी कह देते हैं कि मेरे बयान से किसी की भावना को ठेस लगी हो तो उन्हें वापस लेता हूं। इसके बाद भी चुनाव आयोग उन्हें माफी देकर छोड़ देता है।

सिमी के सात आतंकवादी जेल तोड़ कर भाग जाते हैं जिनसे धमाके करवाकर भाजपा सहानुभूति बटोर रही है। इस पर गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लगता नहीं कि चुनाव आयोग का कोई अस्तित्व है। उन्होंने आयोग से बाबा रामदेव के कार्यक्रमों पर रोक लगाने की भी मांग की। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग मुख्य सचिव से शपथपत्र भरवाए कि प्रदेश में किसी भी अफसर की पदस्थापना से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो रहा है। इसके बाद ही बरसों से जमे अफसरों को हटाया जा सकेगा।

बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आईएस मौर्य ने कहा कि प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस धन बल का उपयोग करके चुनाव के दौरान शराब बंटवाकर मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए आचार संहिता के चलते शराब के उत्पादन और विक्रय पर निगरानी रखी जाए। इसके साथ ही मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव मंडल सदस्य शैलेंद्र कुमार शैली ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कर्मचारी चुनाव कार्य को प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए उन्हें हटाया जाए।

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