भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने लोक निर्माण विभाग में हाल ही में तीन अधीक्षण यंत्रियों को मुख्य अभियंता पद पर पदोन्नति में नियमों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकरण में लोक निर्माण मंत्री श्री नागेन्द्र सिंह ने करोड़ों रूपयों का लेन-देन किया है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह ने अपने चहेते अफसरों को पदोन्नत करने के लिए पदोन्नति के मान्य सिद्धांतों की धज्जियां उड़ा दी है। श्री सिंह ने कहा कि 19 सितम्बर को लोक निर्माण विभाग ने अधीक्षण यंत्री के पद पर पदस्थ जी.पी. कटारे, पी.के. श्रीवास्तव एवं जी.पी. मेहरा को मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नति के आदेश जारी किए है।
इनमें से जिन दो अधिकारियों की सी.आर. प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री के.के. सिंह ने इनके प्रतिकूल काम-काज के चलते ‘‘क‘‘ प्लस से ‘‘क‘‘ कर दी थी, उसे लोक निर्माण मंत्री ने नियम विरूद्ध ‘‘क‘‘ प्लस करके उन्हें पदोन्नति दिला दी। इन पदों के लिए डी.पी.सी. उस समय की गई जब प्रमुख सचिव लोक निर्माण प्रशिक्षण पर गए हुए थे।
आचार संहिता लगने से पहले ताबड़तोड़ विभाग के उच्च पदों के लिए जो डी.पी.सी. की गई उसमें न प्रमुख सचिव उपस्थित थे और न ही विभाग के उपसचिव थे। विभाग के उपसचिव को भी जिस दिन डी.पी.सी. थी उस दिन उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया। डी.पी.सी. में शासन की तरफ से विभाग के ओर से अंडर सेकेट्री ने प्रतिनिधित्व किया। नियमानुसार मंत्री को अधीक्षण यंत्री की सी.आर. लिखने की भी पात्रता नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि जिन पदों पर लोक निर्माण मंत्री ने अपने चहेते अधिकारियों को पदोन्नति दिलाई है वे पद विभाग में खाली ही नहीं है। अपने चहेते अधिकारियों को उन्होंने लोकायुक्त एप्को और मंडी बोर्ड में मुख्य अभियंता के रिक्त पदेां के विरूद्ध पदोन्नति दिलाई है। जबकि इन तीनों में क्रमषः श्री नायक, शरद जैन एवं ज्ञानेष्वर उइके पूर्व से ही मुख्य अभियंता के पद पर पदस्थ है।
इन संस्थाओं के कार्यकारी अधिकारियों ने लिखित में लोक निर्माण विभाग को यह अवगत करा दिया था कि उनके यहां कोई पद रिक्त नहीं है। इसके बावजूद मंत्री ने अपने पद और प्रभाव का दुरूपयोग कर तीनों अधिकारियों को पदोन्नति दिला दी। इस पूरी प्रक्रिया में मंत्री ने जिस तरह व्यक्तिगत रूचि दिखाई है उससे स्पष्ट है कि करोड़ों रूपये लेकर उन्होंने यह कार्य किया।
इन संस्थाओं के कार्यकारी अधिकारियों ने लिखित में लोक निर्माण विभाग को यह अवगत करा दिया था कि उनके यहां कोई पद रिक्त नहीं है। इसके बावजूद मंत्री ने अपने पद और प्रभाव का दुरूपयोग कर तीनों अधिकारियों को पदोन्नति दिला दी। इस पूरी प्रक्रिया में मंत्री ने जिस तरह व्यक्तिगत रूचि दिखाई है उससे स्पष्ट है कि करोड़ों रूपये लेकर उन्होंने यह कार्य किया।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार अपने अंतिम दिनों में प्रदेष के सभी विभागों में भारी भ्रष्टाचार का अभियान छेड़े हुए है। खनिज विभाग में अरबों रूपये के खदानों के आवंटन, आदेष कुछ ही दिनों में निकाल दिए। वहीं जल संसाधन विभाग ने पांच हजार करोड़ का घोटाला कर आंध्रप्रदेष की एक कंपनी को करोड़ों रूपये के ठेके बगैर किसी नियम के पालन के दे दिए गए। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के निर्देष पर सभी विभागों में ताबड़तोड़ करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है और इसके विरूद्ध जो भी आवाज उठाता है उसे दंडित कर दिया जाता है या फिर उसे दरकिनार कर दिया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार के आने पर षिवराज सिंह चैहान के इन सभी घोटालों और भ्रष्टाचारों की जांच की जाएंगी और समय सीमा में प्रकरणों को दर्ज कर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी ताकि भविष्य में शासन-प्रषासन के साथ मनमाना खिलवाड़ न हो सके।