भोपाल। खंडवा जेल कांड के मामले में भोपालसमाचार.कॉम का संदेह अब और ज्यादा पुख्ता होता जा रहा है। यह पूरा का पूरा खेल राजधानी भोपाल के एक सरकारी आवास में रचा गया और यहीं से संचालित हुआ और इसके पीछे था विधानसभा चुनाव के लिए फंड मैनेजमेंट।
इस मामले की परतें धीरे धीरे खुलने लगीं हैं। एक खतरनाक आतंकवादी के लिए विकलांग गार्ड की ड्यूटी लगाने से लेकर पूरे जेल में लापरवाही बरतने तक यह बिन्दू यह चीख चीख कर बयां कर रहा है कि खंडवा जेल कांड एक सामान्य आपराधिक घटनाक्रम नहीं था बल्कि इसके पीछे पॉलिटिकल प्राग्रामिग की गई। यह भी जनचर्चा में है कि जेल मंत्रालय में पिछले दिनों आए अंतर के बाद आनन फानन में ऐसा कुछ प्लान किया गया। आरोप यह भी है कि इससे पूर्व भी मध्यप्रदेश की जेलों में फंड मैनेजमेंट के चलते कई झोलझाल हुए हैं।
इस संदर्भ में भोपालसमाचार.कॉम के संदेह का नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी समर्थन किया है। एक प्रेसरिलीज में उन्होंने कहा है कि खंडवा के जेल से आतंकियों की फरारी से स्पष्ट पता चलता है कि सत्ता पक्ष के उच्च निर्देषों पर ही सुरक्षा में इतनी ढील बरती गई। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर जेलों में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था होती है और जब भाजपा सरकार के अनुसार उनकी जेल में इतने खतरनाक आतंकवादी मौजूद है तो सुरक्षा व्यवस्था सामान्य से भी बदतर क्यों थी। उन्होंने कहा कि यह सवाल सीधे सकेत करते है कि सत्ता के शीर्ष के तार इस पूरे मामले में जुड़े हुए है।
श्री सिंह ने कहा कि अपराधियों को लेकर यह सरकार बेहद संवेदनशील है और अपराधियों से परेशान जनता के मामले में बेहद कठोर है। उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा पार्षद के पति सतीश नायक के खिलाफ लूट अपहरण के मामले में जब पुलिस ने तत्परता के साथ सख्त कार्यवाही की तो अपराधी के साथ गृहमंत्री उमाषंकर गुप्ता ने पुलिस को शाबासी देने के बजाए फटकार लगाई कि उन्होंने इतनी शीघ्रता से कार्यवाही क्यों कि? नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार के नेतृत्व में अगले माह में प्रदेष के हालात और बदतर होंगे।