भोपाल। सरकारी हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों के प्राचार्य इस बार सीआर (गोपनीय चरित्रावली) को लेकर गंभीर नहीं हैं। दरअसल, पिछले वर्ष से 100 बिंदु सीआर में जोड़ दिए गए हैं, जिसके आधार पर सीआर तैयार होगी।
इसके लिए श्रेणियां भी तय की गई हैं, लेकिन प्राचार्य इसे भेजने में आनाकानी कर रहे हैं और जिन जगहों के प्राचार्यों ने सीआर भेजी भी थी, वह इन बिंदुओं पर आधारित नहीं थी, जिससे लौटा दी गई है। वहीं, राजधानी के प्राचार्यों ने अपनी सीआर अब तक न के बराबर भेजी हैं।
सत्र 2012-13 की शुरुआत में संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण ने प्राचार्यों की सीआर को लेकर 100 बिंदु तैयार किए थे, जिसके आधार पर प्राचार्यों की सीआर तय की जानी है। इस प्रक्रिया में जुगाड़ न हो पाने और 100 बिंदुओं के आधार पर ग्रेड तय किए जाने से प्राचार्य सीआर भेजने में दिलचस्पी कम दिखा रहे हैं।
जबकि पिछले कुछ सालों में प्राचार्यों द्वारा समय से पहले ही सीआर के लिए आवेदन प्रस्तुत कर दिए जाते थे। स्कूल शिक्षा विभाग पर सीआर में ग्रेड देने में आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं।
सीआर के लिए तय बिंदु
विद्यालय में भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान, गृह विज्ञान की प्रयोगशाला व्यवस्थित कर मरम्मत, रंगाई, पुताई करना। शैक्षणिक कैलेंडर के प्रावधानों का पालन करना। प्राचार्य को हर महीने कक्षा में पहुंचकर अध्यापन कार्य का अवलोकन करना। छात्र शिक्षक परिषद का गठन करना। विद्यालय में सुझाव या शिकायत बॉक्स रखकर माह के अंत में एसएमडीसी के सदस्यों के सामने खोलना। पिछले वर्ष के आधार पर परीक्षा परिणामों का विषयवार लक्ष्य दिया जाना। सत्र के प्रारंभ में कक्षा नौवीं में नव प्रवेशित छात्रों का दक्षता टेस्ट लिया जाना आदि बिंदु शामिल हैं।