पथरिया। मध्यप्रदेश शासन द्वारा एक तरफ अवैध खनन के कारोबार पर मुहिम चलाती है। वही प्रदेश में कई जगह जो यह कारोबार कर रहें उन पर कार्यवाही भी हो रही और जुर्माना वाहन जब्त किये जा रहे है। और सक्त रवैया अपनाने की बात करती है लेकिन पथरिया क्षेत्र में कई जगह शासन प्रशासन की कार्यवाही शून्य पर रह जाती है।
ऐसा प्रतीत होता है पथरिया विधानसभा क्षेत्र में जितनी भी सड़क निर्माण के लिये मुरम का उपयोग किया जा रहा है। वह ठेकेदारों द्वारा अवैध उत्खनन कर लिया जा रहा है। उत्खनन इस तरह चल रहा है जहंा भी हो रहा है वहां तालाब बन जाता है। वह भी 10-15 फुट गहरा हो रहा अब तो जेसीबी मशीनें, कोकलेन द्वारा मुरम की खुदाई चल रही है।
वही ग्राम पंचायतों में हो रहे अवैध उत्खनन पर सरपचं सचिव अपनी सहभागिता निभा रहे है। क्षेत्र में रेत का मात्र एक ही घाट की नीलामी होती है। वाकि जगह बिना किसी शुल्क के रेत उत्खनन की जा रही है। जिससे शासन को लाखों रूप्ये की छति हो रही है। लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान ही नही दिया जाता है। कई बार सूचना दी गई लेकिन बस कार्यवाही करने की बात होती है। कार्यवाही कुछ नही होती जिससे अवैध कारोबार करने वालों के हौसले बुलंद है।
वही अब तो यह कारोबार करने वाले मीडिया वालों को धमकी भी देने लगे है। कि जो करना है कर लो हमारा कुछ नही होने वाला सब अधिकारियों को मालूम रहता है। सब अपना लेनदेन करके चले जाते है। वही नगर में कई जगह रेत,पत्थर और मुरम सप्लायरों द्वारा खनिज विभाग केा लाखों रूप्ये का चूना लगाकर अवैद्य उत्खनन कर साम्रगी को एकत्रित भी किया गया है। पथरिया के आसपास करीब 8-10 किमी दूर से कई नदियों के घाटों से अवैद्य उत्खनन कर रेत को लाया जाता है।
जिसके नगर में कई जगह स्टाक कर खुले रहते है। यह सब शासन प्रशासन की नजरों के सामने होता रहता है। और कोई कार्यवाही नही होना खुली चुनौती देना नही तो क्या है। जबकि यदि जांच की जाए तो इन रेत सप्लायरेा के पास स्टाक की रायल्टी भी नही मिलेगी लेकिन शासन प्रशासन की नजर अंदाजी की वजह से यह अवैद्य कारोबार खुलेआम चल रहे है। जिससे शासन को लाखों रूप्ये का चूना तो लगाया ही जा रहा है साथ ही इस तरह खुलेआम अवैध उत्खनन कर रेत सप्लाई कर प्रशासन को खुली चुनौती भी है।
अगर अवैध उत्खनन हो रहा है तो निश्चित ही कार्यवाही की जावेगीं।
के.पी.पाण्डे एसडीएम पथरिया