भोपाल। मध्यप्रदेश को उद्यानिकी के क्षेत्र में विकसित करने के लिए किये जा रहे किसान पंजीयन में सरकारी लापरवाही साफ झलक रही है।
उद्यानिकी विभाग विभाग द्वारा उद्यानिकी क्षेत्र से जुड़े किसानों को विभाग की लाभकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है लेकिन प्रदेश के ऐसे लाखों किसान जो नगरीय क्षेत्रों में रहते है वे पंजीयन न होने के कारण विभाग की लाभकारी योजनाओं से वंचित रह जायेंगे।
मध्य प्रदेश में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर उद्यानिकी से जुड़े किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। प्रदेश में किसानों के लिए ये बेहद अच्छी खबर थी। यह पंजीयन उद्यानिकी विभाग द्वारा ऑन लाइन किया जा रहा है। इस पंजीयन में बड़ी संख्या में किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसमे प्रदेश भर के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न योजनाओं के तहत शासन द्वारा तय किये गए मापदंडो में अनुदान दिया जाना है।
मुख्य रूप से सब्जी विकास ,मसाला विकास,फल उद्यान, सूक्ष्म सिचाई, औषधीय उद्यान के साथ ही कृषि यंत्रीकरण में शासन द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं के अनुदान किसान पंजीयन के आधार पर ही दिए जाने हैं लेकिन दुःख की बात यह है कि ऑन लाइन किये जा रहे इस पंजीयन में विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र के किसानों के लिए पंजीयन का कोई विकल्प नहीं दिया गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के किसानों का पंजीयन लगभग छःह माह से जारी है।
ऐसे में नगरीय क्षेत्र के किसान विभाग की विभिन्न योजनाओं में पीछे रहने के लिए मजबूर हैं। विभाग के इस सौतेले व्यवहार की ओर ध्यान कराया गया है लेकिन अधिकारी ऑन लाइन पंजीयन में संशोधन न कर पाने की अपनी मजबूरी बताते है।किसान राजेश निगम का बताते है की वे अपने खेत में अनार का वृक्षारोपण करना चाहते है लेकिन पंजीयन न हो पाने के कारण वे इस योजना में शामिल नहीं हो सकते। वहीँ किसान इशाक खान भी अपने खेत में सब्जी उत्पादन करते हैं लेकिन वे भी इस लाभकारी योजना में पंजीयन न हो पाने के कारण इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे है।
इस लाभकारी योजना में नगरीय क्षेत्र के किसानों के ऑनलाइन पंजीयन के लिए पोर्टल में संशोधन करने के लिए युवा मोर्चा नेताओं द्वारा कृषि मंत्री श्री रामकृष्ण कुश्मरिया जी को एक ज्ञापन दिया था लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी इस योजना में कोई संशोधन नहीं किया गया है।