भोपाल। मंगलवार को विभिन्न जिलो से आये अप्रशिक्षित संविदा वर्ग 1,2,3, पाठशाला शिक्षा मित्र परीक्षा उत्तीर्ण परिक्षर्थियों ने भोपाल पहुंचकर लोक शिक्षण संचनालय के आयुक्त श्री एसके पाल के नाम ज्ञापन प्रस्तुत किया ई आयुक्त की अनुपस्तिथि में आवेदकों ने संयुक्त संचालक श्री थेटे को अपनी समस्यों एवं मागों से अवगत कराया।
चर्चा के दोरान श्री थेटे ने बताया की परीक्षा दिनांक 18/12/11 के बाद D.ED., BED, व समकक्ष योग्ता प्राप्त करने वाले आवेदकों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता देना राज्य में शासन कर रही भारती जनता पार्टी का निर्णय है।
इसके उपरांत उपरोक्त विषयक ज्ञापन स्कूल शिक्षा मंत्री चिटनिस के निवास उनके ऑफिस प्रतिनिधि को सोंपा गया। आवेदको ने तीसरा ज्ञापन विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह के उनकी अनुपस्तिथि में, मप्र कांग्रेस COMMITTE की दोरान कांग्रेस प्रतिनिधि श्री नागराज (उपाध्यक्ष) को दिया।
अब यह स्पष्ट हो गया है की राज्य शासन की यह भर्ती प्रक्रिया पूर्ण रूप से असंवैधानिक है क्योंकि शासन के पास इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं है की
१) परीक्षा दिनांक 18/दिसम्बर/2013 के बाद जिन आवेदकों ने शिक्षण प्रशिक्षण सम्बन्धी योग्यता(डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता) प्राप्त की है वे किस आधार पर वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में किस शासकीय आदेशअनुसार प्राथमिकता पाने योग्य हैं ?
२) क्या शासन ने ये आदेश जरी किया कि कोई भी आवेदक यदि परीक्षा दिनांक १८/दिसम्बर /२० १ ३ के बाद भी डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता प्राप्त करता है तो वह भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता पाने योग्य होगा ? यदि ऐसा कोई आदेश शासन द्वारा सार्वजनिक होता तो सभी उत्तीर्ण आवेदक डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता प्राप्त कर लेते।
३) क्या किसी भी शासकीय भर्ती अधिनियम में यह प्रावधान है की आवेदक यदि परीक्षा दिनांक के उपरांत कोई अन्य योग्यता प्राप्त कर लेता है तो उसे भारती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी ? यदि है तो शासन ने अब तक ये सर्कुलर जरी क्यों नहीं किया ? क्या ये भी भारती नियमों का उल्लंघन नहीं है ?
आपका भाई
सचिन भटनागर