श्याम जाटव/नीमच। जिले के तीनों विकासखंड के कांग्रेसी नेता दिल्ली जाने या कुछ के न जाने के बाद भी यह तय है कि जिले की विधानसभा सीटों पर विधायक बनने का ख्वाब देखने वाले नेताओं की चाबी थ्री एम के पास जमा हो चुकी है। छंटनी होने के बाद अंतिम सूची बन चुकी है और प्रत्येक विधानसभा से अंतिम रूप से 3 लोगों का नाम तय हो चुका है।
जिले की तीनों विधानसभा सीट पर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को ही टिकट मिलेगा। इसके संकेत आलाकमान ने दिए है। इसके बावजूद संभावित दावेदार दिल्ली में डेरा जमाए हुए है। इधर,राजनीति के जानकार सूत्रों के अनुसार अभा कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मापदंड जिन बातों को लेकर तय किए गए हैं वे पूरी तरह से जीतने की क्षमता रखने वाले प्रत्याशी को अंतिम सूची में भेजने के लिए पर्याप्त है। जिस प्रकार की खबरें या कहें कि अफवाह सामने आ रही है और कहा जा रहा है कि बड़े स्तर पर मोटे लेनदेन के बाद टिकट बंट गए हैं, किसी भी कीमत पर सही नहीं है।
ये तय करेंगे टिकट
राहुल ने जो मापदंड तय किए हैं उस आधार पर अंतिम मोहर के लिए थ्री एम फैक्टर मुख्य रूप से आधार है। इसमें एक सांसद मीनाक्षी नटराजन, प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश तथा राष्टीय स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमेन मधुसुदन मिस्त्री मुख्य निर्णायक होंगे। यह सभी जिम्मेदार उन मापदंडों के आधार पर ही सूची तैयार कर रहे हैं जो राहुल ने तय किए हैं। इसमें पहला आधार जीत का है। जिस प्रत्याशी में जीत की क्षमता होगी उसे प्राथमिकता में लिया जाएगा। इसके लिए नंबर तय है और उस आधार पर टिकट आवंटन या निरस्त होगा।
नहीं चलेगी क्षत्रपों की
उल्लेखनीय है कि 2008 के चुनाव में जिस प्रकार से अपने अधिनस्थ या अनुयायी को टिकट दिलाने के लिए क्षत्रपों ने जोर आजमाइश कर टिकट ले लिए थे वैसा रोल इस बार क्षत्रप नहीं निभा पा रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इस व्यवस्था के चलते कांग्रेस को संसदीय क्षेत्र की 8 सीटों में से केवल 3 पर ही संतोष करना पड़ा था। ऐसे में जिले के किसी भी विधायक प्रत्याशी के लिए क्षत्रप दिल्ली में बैठकर यह तय नहीं कर सकता है कि उसके समर्थक को वह टिकट दिला सकता है।
हकीकत से कोसो दूर
दिल्ली के क्षत्रपों को अब जमीनी हकिकत से वाकिफ होना जरूरी हो गया है और उन्हें यह जिम्मेदारी दे दी है कि यदि समर्थक की जीत पर उन्हें विश्वास है तो टिकट उनकी जिम्मेदारी पर ले जाए। इतना ही राहुल ने 15 पेज का एक प्रोफार्मा तय किया है। यह प्रोफार्मा इन क्षेत्रपों को सौंपा गया है। इस आधार पर स्पष्ट और अंतिम रूप से तीन नाम राहुल की गठित टीम को देना है। इसमें वे सभी बातें विस्तार से प्रस्तुत करनी है जो प्रत्याशी की जीत का सहारा बन सकती है।
तीन नाम का पैनल
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश व प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 3-3 नाम तय किए हैं। प्रदेश कमेटी केंद्रीय सर्वे व पर्यवेक्षक, प्रदेश सर्वे और पर्यवेक्षक, लॉक, जिला और प्रदेश के पैनल के आधार पर ही नाम तय करेगी जिससे स्क्रींनिंग कमेटी को 'यादा परेशानी न हो। इसके लिए सभी जानकारी 3-3 प्रति में संग्रहित कर ली है। जिस पर राहुल गांधी की टीम की निगाह रहेगी।
विधायक बनने के लिए लालायित
पार्टी सूत्रों के अनुसार नीमच से पूर्व विधायक डॉ. सम्पतस्वरूप जाजू,जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल, पूर्व जनपद अध्यक्ष उमरावसिंह गुर्जर और पूर्व नपाध्यक्ष रघुराजसिंह चौरडिय़ा, मनासा से विधायक विजेंद्रसिंह मालाहेड़ा, पर्वू मंत्री नरेंद्र नाहटा, इंदरमल पामेचा, मंगेश संघई, जावद से पूर्व जिला पंचायत सदस्य मधु बंसल, समंदर पटेल, राजकुमार और पहले जहां पर्वू मंत्री घनश्याम पाटीदार का नाम था, वहीं अब जनपद अध्यक्ष सत्यनारायण पाटीदार का नाम पैनल में शामिल किया गया है।