भोपाल। दतिया के रतनगढ़ मंदिर में हुआ हादसा प्राकृतिक नहीं था बल्कि पुलिस और प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम था। लाखों दर्शकों की भीड़ को व्यवस्थित करने का कोई इंतजाम नहीं था। लापरवाही की हद देखिए, ऐसे महत्वपूर्ण मौके पर कमिश्नर विदेश यात्रा पर हैं, कलेक्टर छुट्टी पर और घटना के समय एसपी पता नहीं कहां थे।
दतिया के रतनगढ़ मंदिर हादसे के समय प्रशासन और पुलिस के आला अफसरों में से कोई भी वहां मौजूद नहीं था जबकि मंदिर और उसके आसपास करीब पांच लाख श्रद्धालुओं की भीड़ नवमी पूजा के लिए पहुंची थी। संभाग के कमिश्नर, कलेक्टर तो ड्यूटी पर ही नहीं थे और एसपी भी घटनास्थल पर काफी देर से पहुंचे। लाखों की भी़ड को संभालने के लिए पुलिस के मात्र करीब आधा दर्जन जवान ही मौजूद थे। आचार संहिता के बाद सरकारी मशीनरी पूरी तरह से मदहोश है। तंत्र यदि थो़डा भी सक्रिय होता तो शायद यह हादसा नहीं होता।
रतनग़़ढ मंदिर में नवमी पूजा पर हर साल मप्र सहित उत्तरप्रदेश के कई हिस्सों से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं जिसको लेकर प्रशासन और पुलिस कितनी गंभीर है इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि कलेक्टर संकेत भोंडवे अवकाश पर थे। वहीं कमिश्नर केके खरे इन दिनों विदेश में हैं। मंदिर में सुरक्षा इंतजाम बहुत कमजोर थे और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी नहीं था। सूत्रों के मुताबिक घटना के बाद आसपास के थानों से पुलिस बल भेजा गया जबकि इन थानों के जवानों की पहले से ड्यूटी नहीं लगाई गई थी। एसपी चंद्रशेखर सोलंकी भी घटना के काफी देर बाद पहुंचे।
अब सफाई दे रहे हैं एसपी
इधर एसपी चंद्रशेखर सोलंकी का कहना है कि हर साल जितने श्रद्धालु आते हैं उससे कहीं ज्यादा लोग इस बार यहां पहुंचे।
उनका कहना है कि हर साल रतनग़़ढ मंदिर में नवमी पूजा के लिए पुलिस सुरक्षा इंतजाम का ड्यूटी चार्ट निकलता है और इस बार भी करीब आधा दर्जन थानों के प्रभारियों सहित पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाया गया था, मगर सुबह सा़ढे आठ बजे किसी ने अफवाह फैला दी कि पुल टूट गया। इससे भगदड़ मच गई और हादसा हो गया।
मंत्री ने माना प्रशासन से चूक हुई है
उधर कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी माना कि प्रशासन से गंभीर चूक हुई है। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्सा नहीं जाएगा । मिश्रा ने भी स्वीकार किया कि पुल टूटने की अफवाह के चलते ही भगदड़ मची। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि पुलिस की लाठियों के डर से ही लोगों ने नदी में कूदना शुरू कर दिया। मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच में सारे तथ्य लिए जाएंगे। मंत्री ने भी प्रशासनिक इंतजामों की कमी को स्वीकारा।