भोपाल। हबीबगंज से इंदौर के बीच डबल डेकर ट्रेन में महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे है। ट्रेन के कोच में न तो जीआरएफ का जवान तैनात रहता है और न कोई महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई।
इसके चलते ट्रेन में सफर के दौरान महिलाएं असुरक्षा की भावना से ट्रेन के खाली कोचों में बैठने से कतरा रही है। कई महिला यात्रियों का कहना है कि खाली कोच में बैठने से डर लगता है। वहीं, ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों की कम संख्या के चलते न वैंडर आ रहे हैं और न ही पैंट्रीकार चालू हो पाई है।
इसके चलते यात्रियों को खाने पीने की सुविधा नहीं मिल पा रही है। शनिवार डबल डेकर की नियमित सेवा हबीबगंज से इंदौर के बीच शुरू हो चुकी है। पहले दिन हबीबगंज से इंदौर के लिए 87 लोगों ने बुकिंग कराई थी। साथ ही वापसी इंदौर से भोपाल के लिए कुल 110 यात्रियों ने बुकिंग कराई थी। इस दौरान ट्रेन के ज्यादातर कोच खाली ही रहे। लगातार मुसाफिरों की कमी चलते ट्रेन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
चौथे दिन भी एक घंटे लेट पहुंची ट्रेन
डबल डेकर चौथे दिन मंगलवार को निर्धारित समय 2.05 बजे की बजाय 3.15 बजे भोपाल पहुंची। इसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही इंदौर से ट्रेन में सफर कर लौटे यात्री महेश विश्वकर्मा ने बताया कि ट्रेन में वैंडर नहीं आया। इसके चलते उन्हें पानी की बोतल के लिए ट्रेन से ऊपर कर खरीदना पड़ी। उनका कहना है कि रेलवे को ट्रेन में पंट्रीकार की सुविधा को चालू करना चाहिए।