वो कॉलेज से आई और कमरे में जाकर फांसी लगा ली

भोपाल। मैं आप लोगों के सपने पूरा नहीं कर पा रही हूं। आप लोगों की पिंकी आज हार गई है। मुझसे बहुत सारी गलतियां हो गई हैं। मैं खुश होकर भी खुश नहीं रह पा रही हूं। यह शब्द उस पत्र के हैं, जिसे नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा ने मंगलवार शाम घर पर फांसी लगाने के पहले लिखा था।

पुलिस के मुताबिक छोला मंदिर निवासी 20 वर्षीय सोनाली उर्फ पिंकी पुत्री मनोज पिप्पल निजी नर्सिंग कॉलेज में तृतीय वर्ष की छात्रा थी। वह सोमवार को कॉलेज से शाम साढ़े चार बजे घर लौटी थी। कुछ देर परिजनों के साथ रहने के बाद वह मकान के तीसरी मंजिल पर बने अपने कमरे में चली गई थी।

परिजनों को लगा कि वह पढ़ाई कर रही होगी। दो घंटे बाद उसकी बुआ राखी, सोनाली को देखने कमरे में गई तो उसे कमरा अंदर से बंद मिला। आवाजें देने के बाद भी न तो अंदर से आवाज आयी और न ही दरवाजा खुला तो उसने अन्य परिजनों को सूचना दी। परिजनों ने दरवाजा तोड़ा तो सोनाली फांसी के फंदे पर झूल रही थी। उसे फंदे से उतारकर अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया। फिलहाल खुदकुशी का कारण स्पष्ट नहीं है।

तीन बहनों मे थी बड़ी : सोनाली के पिता रेलवे मे कर्मचारी हैं। वह स्युक्त परिवार में रहती थी। वह तीन बहनों मे सबसे बड़ी थी। उसकी दो छोटी जुड़वा बहनें मुस्कान और काजल है।
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