रायसेन। विधानसभा चुनाव में शराब बांटकर वोट बैंक बनाने वालों की खैर नहीं । चुनाव आयोग शराब पर शिकंजा कसने के लिए सेटेलाइट की मदद ले रहा है। शराब फैक्ट्री से शराब लेककर निकले ट्रकों पर जीपीएस सिस्टम के जरिए नजर रखी जाएगी।
विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग कई प्रयोग कर रहा है।पूर्व में हुए चुनावों में शराब बांट कर वोट बटोरने की कई शिकायतें मिली थी। इस कारण शराब ले जाने वाले वाहनों मकें जीपीएस लगाने की पहल की गई है। प्रशासन शराब फैक्ट्रियों से संपर्क कर रहा है।
जिले की चारो विधानसभा में स्थित शराब दुकानों को किस फैक्ट्री से शराब बुलाई जाती है। इसकी जानकारी एकत्रित की गई है। आचार संहिता के लागू होते ही शराब फैक्ट्रियों से शराब लेकर निकले ट्रकों पर नजर रखी जाएगी।
जीपीएस सिस्टम के जरिए शराब परिवहन में लगे ट्रकों की मानीटरिंग करेगें। ट्रक कहीं भी अवैध रूप से शराब उतारेगा तो इसकी जानकारी चुनाव आयोग को मिल जाएगी।
ट्रकों में लगेगा जीपीएस सिस्टम:- शराब फैक्ट्रियों से निकलने वाले ट्रकों मे ंपहले जीपीएस सिस्टम लगा दिया जाएगा । इसके बाद ट्रको गंतव्य के लिए रवाना किया जाएगा। ट्रक जहां भी रहेगा इसकी जानकारी आयोग को रहेगी। ट्रक से कहीं भी शराब उतारी गई तो जीपीएस सिस्टम से चोरी पकड़ी जाएगी।
क्या होगें फायदे:- शराब पर नियत्रण करने के लिए प्रशासन ने अभी से तैयारीकरली है आबकारी और पुलिस लगातार अवैध शराब के कारोबारियों पर कार्रवाई कर रहे है इससे आचारसंहिता लगने के पहले शराब का अवैध कारोबार बंद हो जाएगा । इसके साथ ही चुनाव में मतदाताओं को बांटने के लिए अवैध शराब नहीं मिलेगी।