प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नवसंचार साधन

राकेश दुबे@प्रतिदिन। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में एक और नया तथ्य सामने आया है | वे मोबाईल फोन नहीं रखते हैं, ई मेल  उनका एकाउंट नहीं है, फेसबुक पर उन्होंने किसी को मित्र नहीं बनाया है और ट्विटर पर वे कोई सन्देश नहीं भेजते हैं |
व्हाट्स अप और टेंगो से तो उनका दूर-दूर तक की रिश्ता नहीं है,परन्तु इसके विपरीत सोशल मीडिया पर उनके बारे में सबसे अधिक टिप्पणी होती है |

प्रधानमन्त्री का नवसंचार पद्धति में विश्वास न होने के लाभ और हानि दोनों हैं | विश्व की एक प्रमुख जासूसी संस्था का दावा है कि उनके पास अनेक देशों के प्रधानमंत्री कार्यालयों की गोपनीय जानकारी है और इस जानकारी का प्राप्ति स्रोत नवसंचार माध्यम है | प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अरुचि के कारण देश की जानकारी सुरक्षित है, ऐसा मानना सही नहीं है | यह अगर लाभ है तो  यही एक बड़ा नुकसान भी है |

छोटे होते संसार की चुनौतियाँ बड़ी हैं | राष्ट्र प्रमुखों का आपसी संवाद का माध्यम अब नवसंचार साधन हो रहे है | देश में भी लगभग सभी प्रमुख नवसंचार साधनों से लैस है | भारत के प्रधानमंत्री को इन विषयों में पारंगत नहीं तो कम से कम जानकार अवश्य होना चाहिए |  




  • लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
  • संपर्क  9425022703
  • rakeshdubeyrsa@gmail.com
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