भोपाल। चुनाव आयोग ने इस बार जहां जहां आचार संहिता लगाई सारे कामकाज ठीक ठाक चलने लगे। पहली बार नेताओं के चेहरे पर डर दिखाई दे रहा है, लेकिन स्कूलों की हालत बदतर की बदतर ही है। मध्याह्न भोजन के नाम पर बच्चों से क्या कुछ नहीं करवाया जा रहा।
राजधानी के ग्राम बोरबंद स्थित प्राइमरी स्कूल में बच्चों को भोजन तो मिल रहा है लेकिन उन्हें अपने-अपने बर्तन धोने के लिए मजबूर होना पड़ता है। वार्ड क्रं.चार स्थित ग्राम बोरबंद में शासकीय प्राथमिक स्कूल है। इस स्कूल में कुल 38 बच्चे शिक्षारत् है। सोमवार दोपहर को करीब एक बजे जैसे ही यह प्रतिनिधि स्कूल पहुंचा तो बच्चें स्कूल के समीप ही हैंडपम्प से अपने-अपने बर्तन धो रहे थे। यह देख वहां पर अस्थाई रूप से पदस्थ एक महिला ने बच्चों को हटा दिया। कुछ बच्चों ने तोतली भाषा में बताया कि खाना तभी मिलता है जब बर्तन धोकर देते है और ऐसा रोज होता है।
इस स्कूल में पदस्थ शिक्षिक नंदकिशोर मारण ने बताया बच्चों से बर्तन नहीं धुलवाए जाते है आज तो वे केवल हाथ धो रहे थे। बर्तन धोने के लिए अलग से एक महिला को रखा गया है। शिक्षक ने तो खूब सफाई दी लेकिन कैमरे की कैद में आए सच को कौन झुठला सकता है। बताया जाता है कि ऐसा ही अन्य सरकारी स्कूलों में भी होता है। बच्चों को यहां तक कि साफ-सफाई भी करनी पड़ती है।