आसाराम के सपूत ने मध्यप्रदेश में भी किया था पीड़िता के साथ अप्राकृतिक सेक्स

भोपाल। आसाराम का बेटा नारायण ​साईं ने मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में बने आश्रमों में पीड़िता के साथ अप्राकृतिक सेक्स भी किया था। यह खुलासा सूरत पुलिस के सामने दिए बयान में पीड़िता ने किया है।

आसाराम के बेटे नारायण साई पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली गुजरात की दो बहनों ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि बलात्कार के बाद साई ने उसके साथ कई बार अप्राकृतिक सेक्स किया। दो साल तक यह दौर चला और वह जहां भी गया उसे सेविका बनाकर साथ रखा।

पुलिस के समक्ष दिए बयान में पीडिता ने बताया कि वर्ष 2001 के दिसम्बर में नारायण सांई से उसकी मुलाकात हुई। नारायण सांई उसे अपनी सेविका बनाकर मध्यप्रदेश के मेघनगर, बिहार, काठमांडू और गभोई आश्रम में घूमता रहा। वर्ष 2002 में एक दिन नारायण सांई ने अपने सेवक के जरिए उसे जहांगीरपुरा आश्रम में आसाराम की कुटिया में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद उसने कई बार अप्राकृतिक यौन संबंध भी बनाए। दो साल तक वह जहां भी गया, उसे साथ ले गया। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व साई के पिता आसाराम पर पीडिता से ओरल सेक्स करने की खबरें आ चुकी हैं। हालांकि सच्चाई का पता जांच पूरी होने के बाद ही चल सकेंगा।

पीडिता पर हमला करवाने का भी खुलासा

नाबालिग से बलात्कार के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम की करतूतों का एक के बाद एक पदार्फाश हो रहा है। सूरत की दो बहनों के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद एक पीडिता ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि दुष्कर्म के बाद उसे और उसके परिजनों को डराने-धमकाने के लिए नारायण सांई ने हिम्मतनगर में उनके रिश्तेदार के यहां साधकों से हमला करवाया था और जान से मार डालने की धमकी दी थी।

पीडिता ने अपने बयान में यह भी कहा है कि जब उसने वर्ष 2004 में जहांगीरपुरा आश्रम छोड़ दिया और घर रहने चली आई थी तो नारायण सांई ने उसे और परिजनों को गभोई आश्रम में आने के लिए कहा था। वह अपने माता-पिता के साथ हिम्मतनगर में अपने रिश्तेदार के यहां पहुंची और नारायण सांई को इसकी जानकारी दी। तब उसकी के कहने पर रिश्तेदार के घर पर पथराव हुआ था।

सेवकों के नाम भी एफआईआर

पीडिता के अनुसार नारायण सांई ने गभोई आश्रम से अपनी छह-सात महिला साधकों को टेम्पो में पीडिता के रिश्तेदार के घर भेजा। साधकों ने रिश्तेदार के घर पर जमकर पथराव कर हंगामा मचाया। पीडिता के इस बयान के आधार पर पुलिस ने नारायण सांई के सेवक हनुमान, गंगा, जमना और हमला करने वाली छह-सात महिला साधकों के नाम प्राथमिकी में दर्ज कर लिए हैं।


पीडिता और परिजनों को पुलिस सुरक्षा:

आसाराम और उसके बेटे नारायण सांई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने वाली सूरत की दोनों बहनों और उनके परिजनों को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि आसाराम और उसके बेटे नारायण सांई, पत्नी और बेटी समेत साधकों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज होने के बाद पीडिता और उसके परिवार की सुरक्षा करना पुलिस का फर्ज है। जिस तरह आसाराम के साधकों ने देश के अन्य राज्यों में उपद्रव मचाया था, उसी तरह सूरत में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद साधक उपद्रव मचा सकते हैं। पीडिता और उसके परिजनों पर हमला भी कर सकते हैं या डरा-धमका सकते हैं। उनकी जान को खतरा है। पुलिस ने एहतियात के तौर पर पीडिता और उसके परिजनों को रविवार रात से ही सुरक्षा मुहैया करवाई है।

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