ऋषिकेश। केदारनाथ आपदा में लापता मध्यप्रदेश के दो बच्चों का पिता अपने जिगर के टुकड़ों के लापता होने का प्रमाण ढूंढ रहा है। दरअसल, त्रासदी के तीन माह बाद भी पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।
एमपी प्रशासन लापता बच्चों के खोने का रिकार्ड मांग रहा है। ऐसे में पीड़ित पिता इस उम्मीद में उत्तराखंड आया कि शायद पुलिस और प्रशासन की ओर से उसे बच्चों की जानकारी मिल जाएगी। मगर, उसकी यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही।
तीर्थनगरी में पखवाड़ेभर से भटक रहे रामनगर, छतरपुर मध्यप्रदेश निवासी रामकृपाल ने बताया कि वह केदारनाथ में अपने परिवार के साथ रहता था। वहीं छोटा-मोटा कारोबार करता था। 16/17 जून को घाटी में आई प्रलयकारी बाढ़ में पूरा परिवार बिछुड़ गया।
बताया कि काफी तलाश करने के बाद पत्नी विद्यावती और तीन बच्चे उसे मिल गए, मगर छह वर्षीय बेटा अजय और 15 वर्षीय बेटी ममता अभी भी लापता हैं। काफी खोजबीन की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल सका। हताश होकर वह परिवार के साथ मध्यप्रदेश लौट गया।
गांव पहुंचने के बाद तहसील में मुआवजे के लिए आवेदन किया, लेकिन तहसील प्रशासन उससे बच्चों के खोने का रिकार्ड मांग रहा है। लिहाजा, रामकृपाल रिकार्ड ढूंढने के लिए पखवाड़ाभर पहले उत्तराखंड चला आया, मगर यहां पहुंचकर भी निराशा ही हाथ लगी। बताया कि पुलिस और प्रशासन ऐसा कोई भी रिकार्ड होने से इनकार कर रहा है। पीड़ित पिता ने उत्तराखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
कोतवाली में लगातार बाहरी प्रदेशों से आपदा में लापता लोगों के परिजन पहुंच रहे हैं। लापता का प्रमाण होने पर परिजनों को उपलब्ध कराया जाता है। लापता लोगों की जानकारी जुटाने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है।
डीएस कोहली, वरिष्ठ उपनिरीक्षक, कोतवाली