मुद्दों पर आइये, राहुल बाबा !

  • राकेश दुबे@प्रतिदिन।
राहुल  बाबा बोलने लगे हैं, भावुकता पूर्ण आक्रमक शैली का विकास कर रहे हैं, इतिहास याद  दिला रहे हैं | तथ्य और सत्य दोनों में विसंगति है | मुद्दे कुछ और हैं |
जितने मार्मिक ढंग से राहुल बाबा अपने परिवार की गाथा और उसके बलिदान का वर्णन राहुल बाबा करते हैं , सहानुभूति होना स्वाभाविक है,  श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या और उसके बाद हुए दंगों तथा   राजीव गाँधी की हत्या से सभी समझदार व्यक्ति दुखी हुए थे|

आज यह विषय नहीं है | आज का दुःख दिनोदिन बढ़ता भ्रष्टाचार, महंगाई और देश के भाल पर काले टीके की भांति उभर आये घोटाले हैं | राहुल बाबा, जनता के मर्म को घोटाले और महंगाई छेदे जा रही है | प्याज़ जैसी चीज़ सौ रूपये किलो है और यदि शरद पवार, देश के कृषि मंत्री की बात माने तो दीपावली तक प्याज़ १५० रुपए किलो होगी | साग-सब्जी, दाल अनाज सभी कुछ तो महंगा है |

राहुल बाबा को आज चिंता खुद  को लेकर भी  है | यह चिंता श्रीमती सोनिया गाँधी ने उन्हें  राजनीति में भेजते समय जताई थी | देश को यह जानने का हक है, कोई क्यों उनके  जीवन से खेलना चाहता है ? हाल ही में दागियों के मुद्दे पर राहुल बाबा द्वारा उठाये गये कदम से देश को एक दिशा में सोचने का अवसर मिला है | राहुल बाबा जनता के मुद्दे हल करने की दिशा में कुछ कीजिये , उसकी दुआएं आपको शतायु बना देगी |

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