राहुल बाबा बोलने लगे हैं, भावुकता पूर्ण आक्रमक शैली का विकास कर रहे हैं, इतिहास याद दिला रहे हैं | तथ्य और सत्य दोनों में विसंगति है | मुद्दे कुछ और हैं |
जितने मार्मिक ढंग से राहुल बाबा अपने परिवार की गाथा और उसके बलिदान का वर्णन राहुल बाबा करते हैं , सहानुभूति होना स्वाभाविक है, श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या और उसके बाद हुए दंगों तथा राजीव गाँधी की हत्या से सभी समझदार व्यक्ति दुखी हुए थे|
आज यह विषय नहीं है | आज का दुःख दिनोदिन बढ़ता भ्रष्टाचार, महंगाई और देश के भाल पर काले टीके की भांति उभर आये घोटाले हैं | राहुल बाबा, जनता के मर्म को घोटाले और महंगाई छेदे जा रही है | प्याज़ जैसी चीज़ सौ रूपये किलो है और यदि शरद पवार, देश के कृषि मंत्री की बात माने तो दीपावली तक प्याज़ १५० रुपए किलो होगी | साग-सब्जी, दाल अनाज सभी कुछ तो महंगा है |
राहुल बाबा को आज चिंता खुद को लेकर भी है | यह चिंता श्रीमती सोनिया गाँधी ने उन्हें राजनीति में भेजते समय जताई थी | देश को यह जानने का हक है, कोई क्यों उनके जीवन से खेलना चाहता है ? हाल ही में दागियों के मुद्दे पर राहुल बाबा द्वारा उठाये गये कदम से देश को एक दिशा में सोचने का अवसर मिला है | राहुल बाबा जनता के मुद्दे हल करने की दिशा में कुछ कीजिये , उसकी दुआएं आपको शतायु बना देगी |
आज यह विषय नहीं है | आज का दुःख दिनोदिन बढ़ता भ्रष्टाचार, महंगाई और देश के भाल पर काले टीके की भांति उभर आये घोटाले हैं | राहुल बाबा, जनता के मर्म को घोटाले और महंगाई छेदे जा रही है | प्याज़ जैसी चीज़ सौ रूपये किलो है और यदि शरद पवार, देश के कृषि मंत्री की बात माने तो दीपावली तक प्याज़ १५० रुपए किलो होगी | साग-सब्जी, दाल अनाज सभी कुछ तो महंगा है |
राहुल बाबा को आज चिंता खुद को लेकर भी है | यह चिंता श्रीमती सोनिया गाँधी ने उन्हें राजनीति में भेजते समय जताई थी | देश को यह जानने का हक है, कोई क्यों उनके जीवन से खेलना चाहता है ? हाल ही में दागियों के मुद्दे पर राहुल बाबा द्वारा उठाये गये कदम से देश को एक दिशा में सोचने का अवसर मिला है | राहुल बाबा जनता के मुद्दे हल करने की दिशा में कुछ कीजिये , उसकी दुआएं आपको शतायु बना देगी |