गैरतगंज कॉलेज में 5 साल से चल रहा है फर्जी बिल बाउचर का कारोबार

गैरतगंज। राकेश गौर। रायसेन जिले के शा. महाविद्यालय गैरतगंज में शिविरों के नाम पर लाखों रू के फर्जी बिल बाउचर लगाकर लाखों का आहरण करने का मामला प्रकाश में आया है। कालेज में हुए शिविरों का विगत 5 वर्षो का रिकार्ड निकलवाकर आरटीआई कार्यकर्ता ने इस पूरे फर्जीबाडे का खुलासा किया है। फर्जीबाडे की शिकायत के बाद कालेज प्रबंधन भी जांच के लिए पूरी तरह से तैयार है। और अपने आप को पाक साफ बता रहा है।

रायसेन जिले के शासकीय महाविद्यालय गैरतगंज में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत लगाए जाने वाले षिविरों में व्यापक रूप से फर्जीबाडा सामने आया है। नगर के आरटीआई कार्यकर्ता संदीप जैन ने कालेज प्रबंधन से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी निकलवानें के बाद कालेज प्रबंधन पर षिविरों में फर्जीबाडे के आरोप लगाए है। इनके द्वारा वर्ष 2008 से 2013 तक महाविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय षिविर, विषेष षिविर ,इकाई स्तरीय षिविर सहित अन्य षिविरों में प्रतिभागियों एवं उन पर होने वाले खर्चो की जानकारी का ब्यौरा मांगा गया। इस पूरी जानकारी प्राप्त होने के बाद उन्होने बताया कि महाविद्यालय द्वारा आयोजित किए गए षिविरों में पूर्ण रूप से अनियमितताएं एवं फर्जी बिलों पर लाखों की राषि का आहरण किया गया है। महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा इन 5 वर्षो में लाखों रू के ऐसे बिल लगाए गए है जिनमें उनके सीरियल नंबर तक नही है। बिलों में षिविर के दौरान गैस सिलेंडर के साथ लकडी के हजारों रू के गठठों का बिल लगाया गया है। जबकि सिलेंडर होने पर लकडी का क्या काम। इसके अलावा षिविरों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की संख्या से कई क्विंटल अधिक आटा, कई गुना अधिक किराना सामान की खरीद फरोख्त की गई। वही षिविर में फोटोग्राफी के हजारों के फर्जी बिल बाउचर लगाए गए जबकि उक्त षिविरों की लगाए गए बिलों में फोटोग्राफ कालेज प्रबंधन के पास नही पाए गए। षिविर प्रबंधन द्वारा षिविरों में दर्षाए गए कई प्रतिभागी मात्र कागजों तक ही सीमित रहे। षिविर के दौरान प्रतिभागियों के रूकने की व्यवस्था में जिस स्थान के बिल लगाए गए है उस स्थान पर उतने प्रतिभागियों के रूकने की व्यवस्था तक नही थी। इसके अलावा प्रतिभागियों के आने जाने की व्यवस्था में लगाए गए गाडियों के भी फर्जी बिल लगाए गए है। उन्होने आरोप लगाया कि इस पूरे फर्जीबाडे में महाविद्यालय गैरतगंज प्रभारी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना जिला समन्वयक सीता सोनी एवं तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी एनपी सेन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

7 दिनों में 3 षिविरों का किया आयोजन

राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत महाविद्यालय प्रबंधन ने वर्ष 2012 में मात्र 7 दिनों में 3 षिविरों का आयोजन कर डाला। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2012 में सात दिवसीय षिविर 25 मार्च से 31 मार्च में 200 प्रतिभागियों में 90 हजार के बिल बाउचर, वही तीन दिवसीय षिविर इसी दौरान 25 मार्च से 27 मार्च में 40 प्रतिभागियों में 42 हजार के बिल बाउचर सहित इसी बीच ईकाई स्तरीए एक दिवसीय षिविर 29 मार्च को कालेज के बच्चों के साथ लगाना दर्षाया गया है। जबकि इन षिविरों के आयोजन में मात्र दो कार्यक्रम अधिकारी ही थे। दो अधिकारी तीन षिविरों को एक साथ एक ही समय में कैसे आयोजित करा सकते है ये सोचनीय पहलू है। इन षिविरों के दौरान भी महाविद्यालय गैरतगंज प्रभारी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना जिला समन्वयक सीता सोनी एवं तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी एनपी सेन ने फर्जी बिल बाउचरों के द्वारा हजारों की राषि का अतिरिक्त आहरण किया। और इतने बडे फर्जीबाडे को अंजाम दिया। उक्त फर्जीबाडा मात्र एक साल की बानगी मात्र है जबकि इस तरह के षिविरों का आयोजन प्रतिवर्ष महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा कराया जाता है।

मांगी जानकारी तो दी देख लेने की धमकी

षिविरों के माध्यम से जब आरटीआई कार्यकर्ता संदीप जैन ने जानकारी निकलवानें के बाद जब बात करना चाही तो कालेज प्रबंधन ने उन्हे देख लेने की बात कही। महाविद्यालय प्रबंधन का यह रवैया कही न कही तक उन्हे कई आषंकाओं के कटघरे में खडा कर रही है। फिलहाल आरटीआई कार्यकर्ता ने उच्च षिक्षा विभाग में उक्त फर्जीबाडे की षिकायत का मन बनाया है। एवं षिविरों के माध्यम से हुए फर्जीबाडे में उचित जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

षिविरों में जो भी बिल लगाए है वह पूरी तरह से सही हे। जो खर्चा हुआ है वही दर्षाया गया है। आरोप बेबुनियाद है। जांच के बाद भी स्थित स्पष्ट हो जाएगी।
श्रीमति सीता सोनी, 
महाविद्यालय प्रभारी


   


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