रायसेन/हबीब सिद्दीकी। जी हां, वैसे तो अल्टो कार मारूति कंपनी ने बनाई है लेकिन रायसेन जिले के बंगमगंज में रहने वाले एक विकलांग इंजीनियर ने उसने कुछ इस तरह मोडीफाइड किया कि अब उस कार को चलाने के लिए पैरों की जरूरत ही नहीं रह गई। एक्सलेटर, ब्रैक, क्लच सबकुछ हाथों से कंट्रोल होता है।
दोनों पैरों से विंकलांग कुन्दन सिंह कुशवाह 30वर्षीय ने बीसीए किया है परंतु कहते हैं ना कि हर आदमी के भीतर एक डॉक्टर और एक इंजीनियर जरूर मौजूद होता है तो बस बिना डिग्री इसी इंजीनियर ने मारूती की एक पुरानी अल्टो कार खरीदी शोरूम गया और उसमें हाथ से कंट्रोल करने के लिए सिस्टम लगाने के लिए कहा ताकि वह कार ड्राइव कर सके लेकिन मेकानिकों ने साफ मना कर दिया।
तब मुकेश पटेल ने ठाना कि वह ऐसा करके मानेगा और उसने 15 दिन के अथक प्रयासों से अल्टो कार में हाथ से ब्रेक व क्लिच संचालित करने के लिए सामान तैयार किया और बेल्डर से उसमें उसके बताए अनुसार उक्त सामान बेल्ड करवा कर कार को हाथ से कंट्रोल करने के लिए तैयार कर लिया। पहले कार को चालक से चलवा कर देखा उसमें किसी तरह की परेशानी नहीं आने पर मुकेश स्वयं कार चलाकर भोपाल गए।
आज मुकेश पटेल अपनी कार पैरों से चला कर लोगों को सबक दे रहे है कि अब पैरों से विकलांग भी कार चला सकेगें। वे अभी तक करीब एक हजार किमी उक्त कार को स्वयं चला चुके है। वे लायसेंस बनवाने जिला परिहवन कार्यालय गए तो उन्हे बताया गया कि चार पहिया का लायसेंस नहीं बनेगा उन्हें तीन पहिए के लिए आवेदन करना पड़ेगा। मुकेश पटेल का कहना है कि जब वे चार पहिया गाड़ी चला रहे है तो उन्हें चार पहिया का ही लायसेंस दिया जाए।