राकेश दुबे@प्रतिदिन। केरन सेक्टर में हुई घुसपैठ और सेना के खुलासे के बाद जो भारत ने नहीं किया, अमेरिका में पाक के वित्त मंत्री इसहाक डार द्वारा दिए गये निर्लज्ज बयान के बाद कर देना चाहिए| भारत को अपनी “मोस्ट फेवरिट नेशन” की सूची से पाकिस्तान को बाहर कर देना चाहिए|
निरंतर आतंकवादी गतिविधि, घुसपैठ ,पूरे देश में अशांति के वातावरण के बाद तो भारत को वह सब कर देना चाहिए जो “सबक” कहलाता है |पाकिस्तान के वित्त मंत्री का कहना है कि भारत को 2014 के लोकसभा चुनाव और दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता शुरू होने से पहले सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा दिए जाने की संभावना नहीं है| इसहाक डार ने वाशिंगटन में कहा कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को लेकर जनता के दबाव के चलते भारत को एमएफएन दर्जा दिए जाने को स्थगित कर दिया गया है।
हम किस बात के इंतजार में बैठे हैं | यह समझ से परे है | हमारे सलमान खुर्शीद सारे विरोध को ताक पर रखकर पाक के तत्कालीन प्रधानमंत्री को बिरयानी खिलाते है और बदले में सीमा पर घुसपैठ होती है |सैनिकों के सिर काट लिए जाते हैं | कब तक देश इसे सहन करेगा ?
नवाज़ शरीफ से शराफत की उम्मीद, देश के आम नागरिकों को नहीं है | भारत को इसहाक डार के इस बयान पर कड़ा एतराज़ जताना चाहिए और पाकिस्तान की तरजीह की बात को चुनौती मानकर “मोस्ट फेवरिट नेशन” का दर्जा समाप्त कर देना चाहिए | रिश्ते एकतरफा नहीं होते है |
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
निरंतर आतंकवादी गतिविधि, घुसपैठ ,पूरे देश में अशांति के वातावरण के बाद तो भारत को वह सब कर देना चाहिए जो “सबक” कहलाता है |पाकिस्तान के वित्त मंत्री का कहना है कि भारत को 2014 के लोकसभा चुनाव और दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता शुरू होने से पहले सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा दिए जाने की संभावना नहीं है| इसहाक डार ने वाशिंगटन में कहा कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को लेकर जनता के दबाव के चलते भारत को एमएफएन दर्जा दिए जाने को स्थगित कर दिया गया है।
हम किस बात के इंतजार में बैठे हैं | यह समझ से परे है | हमारे सलमान खुर्शीद सारे विरोध को ताक पर रखकर पाक के तत्कालीन प्रधानमंत्री को बिरयानी खिलाते है और बदले में सीमा पर घुसपैठ होती है |सैनिकों के सिर काट लिए जाते हैं | कब तक देश इसे सहन करेगा ?
नवाज़ शरीफ से शराफत की उम्मीद, देश के आम नागरिकों को नहीं है | भारत को इसहाक डार के इस बयान पर कड़ा एतराज़ जताना चाहिए और पाकिस्तान की तरजीह की बात को चुनौती मानकर “मोस्ट फेवरिट नेशन” का दर्जा समाप्त कर देना चाहिए | रिश्ते एकतरफा नहीं होते है |