एक गांव जो दलदल में हो गया है तब्दील

उदयगढ़। मजबूरी कहो या जरुरत, जान जोखिम में डाल कर इसी दलदल से होकर बच्चों को स्कूल तो पुरुषो को काम के लिए निकलना पड़ रहा है। मवेषी को चराने, उ
न्हे पानी पिलाने और घर के लिए पानी लाने के लिए महिलाए भी फलिये के अंदर ही अंदर तीन मर्तबा दलदल को पार करती है।

मवेषियों के पैरो में कीडे पड गए हैं तो ग्रामीणों के पैर भी गल गए हैं। ग्राम-फलिये में एक भी पक्का खरंजा नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच- सचिव और विधायक से कई बार मांग करने के बाद भी उनकी और किसी ने ध्यान नहीं दिया।

स्कूल और हेण्ड़पम्प एक किलो मीटर दूर


खाडा फलिया में हेण्ड़पम्प नहीं है। महिलाए करिब एक किलो मीटर दूर हेण्ड़पम्प पर जाकर ही कपडे धोती है, पानी लाती है। फलिए के केलाश, मनीषा, राधा, संगीता, गजरा, कलसिंह, अनील, नरेन्द्र, राकेश, करण, अर्जून, केसर आदि कक्षा 01 से 05 के विद्यार्थि तथा 8वी में अध्ययनरत् रेलम, दसरीबाई आदि ने बताया कि सारे बच्चे एक-दूसरे का हाथ थाम कर नंगे पैर दलदल वाले रास्ते को पार करते हैं और एक किलो मीटर दूर फलिए की स्कूल में पढ़ने जाते हैं। पैरो साथ अक्सर कपडे भी कीचड वाले हो जाते हैं, गीले कपडे में ही उन्हे स्कूल में बैठना पडता है। पालक सूरसिंह ने बताया कि पानी गीरने पर बच्चो को स्कूल नहीं भेजते हैं । राकेश, रंगुबाई, भूरीबाई, कमलेश इत्यादि उदयगढ़ हाईस्कूल में पढ़ने आते हैं इन्होने बताया कि पानी गीरने के बाद दलदल से गुजरना अधिक खतरनाक होता है। पषुओं के साथ ही अनेक ग्रामीणो को भी यहां गीरने-पडने से चोट आई हैं। वृद्ध एवं बीमारों को खटीया में लेटा कर अथवा गोद में उठा कर परिजन रास्ता पार करते है।,

समीप के सड़क मार्ग से ही गुजरते हैं सांसद और विधायक


भाण्ड़ाखापर  झाबुआ-आलीराजपुर मुक्ष्य मार्ग और आजादनगर-दोहद को जाने बाले मार्ग के चैराहे पर बसा गांव है। इसी रास्ते पर मात्र 4 किलो मीटर की दूरी पर विधायक सुलोचना रावत का गृह ग्राम कानाकाकड़ और 06 किलो मीटर की दूरी पर सांसद कांतिलाल भूरिया का गृह ग्राम मोरडृूडि़या है। गांव की ग्राम पंचायत जाम्बुखेडा में सरपंच कुवरसिंह कट्टर काॅग्रेसी है और एक दषकभर से उसी के परिवार की सरपंची चल रही है। पूर्व विधायक माधौसिंह डावर भी इसी मार्ग से अपने गुह नगर आजाद नगर आना जाना करते हैं। कहने को तो ये हाई प्रोफाईल सडक मार्ग है लेकिन इसी रास्ते से मात्र 200 मीटर अंदर नारकीय पीडा झेल रहे ग्रामीणों की तकलिफ से ये सारे माननीय बेखबर है।

ग्राम सरपंच/सचीव की जवाबदारी है कि वह बिना भेदभाव के जनहीत में कार्य करें। मुझे आपके द्वारा भाण्डाखापर के दो फलियों की जो स्थिती बतलाई गई है, उसे मैं दिखवाता हूं।
बीएस रावत, सीईओ जनपद पंचायत-उदयगढ़

मैने पंचायत क्षैत्र में सबसे अधिक कार्य करवाए हैं, भाण्डाखापर के इन फलियों में भी शीघ्र ही काम शुरु किए जाएगें। मवेशी के मरने वाली बात मुझे किसी ने नहीं बतलाई है।
कुवरसिंह खराडी सरपंच ग्राम पंचायत जाम्बुखेड़ा
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