भोपाल। मध्यप्रदेश में ठाटीपुर नामक फर्जी तहसील दिखाकर बनवाई गई फर्जी जनरल पॉवर ऑफ अटार्नी (जीपीए) के आधार पर अंबाला में प्लॉटों को रजिस्ट्रिी करने के मामले में फंसे नौ तहसीलदारों की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा विजिलेंस ने तैयारी कर ली है।
अंबाला विजिलेंस अफसरों की इसी को लेकर शुक्रवार को विशेष बैठक हुई। इसमें विजिलेंस अफसरों ने आरोपी नायब तहसीलदारों व तहसीलदारों को काबू करने के आदेश दे दिए हैं।
विजिलेंस अब कभी भी इन तहसीलदारों को गिरफ्तार कर सकती है। इन नायब तहसीलदारों व तहसीलदारों में कैप्टन विनोद शर्मा, आरएस बांबू, देवेंद्र संधू, मुकेश, चंद्र प्रकाश, जसपाल, रमेश सिंगला, राजीव शर्मा व जगपाल सिंह शामिल है। इसी को लेकर तहसील कार्यालयों में जहां हड़कंप की स्थिति है, वहीं ये आरोपी अफसर भी अपनी अग्रिम जमानत का रास्ता देख रहे हैं।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के थाटीपुर इलाके में एक फर्जी तहसील से जमीनों की फर्जी जीपीए बनवाकर प्रापर्टी डीलरों व कालोनाइजरों ने लोगों को प्लॉट बेच दिए और तहसील से उसकी पक्की रजिस्ट्रियां करवा दी।
शिकायत होने पर विजिलेंस ने जांच की तो ऐसी 271 रजिस्ट्रियां पकड़ में आ गई। जिसके आधार पर विजिलेंस ने प्रापर्टी डीलरों पर शिकंजा कसना शुरू किया और पांच प्रापर्टी डीलर काबू कर लिए।
दो तहसीलदारों ने लगाई अग्रिम जमानत याचिका
तहसीलदार कैप्टन विनोद शर्मा और राजीव शर्मा ने अंबाला अदालत में ही अपनी अग्रिम याचिका दाखिल कर दी है। इसी मामले में विजिलेंस आज अदालत में अपनी दलीलें रखेगी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों तहसीलदारों की अग्रिम जमानत याचिका पर अदालत अपना फैसला सुनाएगी।
विजिलेंस ने नौ तहसीलदारों के खिलाफ पूरी तरह सुबूत इकट्ठे किए हैं, उसके बाद ही उन्हें केस में बतौर आरोपी शामिल किया गया है।
-शमशेर सिंह, इंस्पेक्टर, विजिलेंस