जोधपुर। आसाराम की करीबी सहयोगी और एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न मामले में सह आरोपी शिल्पी को गुरुवार को एक स्थानीय अदालत ने आठ दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
शिल्पी मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में वार्डन थी। उस पर लड़की को जोधपुर आश्रम भेजने का आरोप है। लड़की उसी आश्रम में रहकर पढ़ाई करती थी। जिला एवं सत्र अदालत द्वारा यह आदेश देने के बाद उनके वकील ने उसी अदालत में जमानत के लिए आवेदन किया। जमानत आवेदन पर कल सुनवाई होगी।
शिल्पी के वकील ने कहा कि पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने की मांग नहीं किए जाने पर अदालत ने शिल्पी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद शिल्पी ने 25 सितंबर को यहां अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।
इसके साथ ही इस मामले में आसाराम सहित सभी पांच आरोपी न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए हैं और उन्हें 11 अक्टूबर को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। इस मामले में आसाराम के अलावा अन्य आरोपियों में शिवा (आसाराम का सहायक), शरदचंद्र (गुरुकुल का निदेशक), प्रकाश (आसाराम का रसोइया) और शिल्पी शामिल हैं।
जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़की के आरोपों के संबंध में पुलिस ने अब तक सभी सबूत एकत्र कर लिए हैं और दो हफ्ते में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए जाने की संभावना है।
अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, सभी आरोपी जेल में हैं और मामले की जांच पूरी हो गई है, अब हम आरोप पत्र तैयार करेंगे और हमें उम्मीद है कि अगले दो हफ्तों में आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए जाएंगे। उन्होंने शिल्पी को सरकारी गवाह बनने की संभावना से इनकार नहीं किया।
इस बीच आसाराम के वकील ने आज उस अनुरोध को वापस ले लिया जिसमें उन्हें जेल में विशेष खाना मुहैया कराने की मांग की गई थी। आसाराम के अपनी महिला डॉक्टर से इलाज कराने संबंधी अनुरोध पर अदालत कल सुनवाई करेगी। (भाषा)