रीवा। जेल मंत्रालय में आए 'अंतर' के बाद मध्यप्रदेश में जेलों से भागना बच्चों का काम हो गया है। रीवा के 35 बच्चों हंसते खेलते रीवा बाल संप्रेषण गृह से फरार हो गए।
बाल संप्रेक्षण गृह के रसोइये पर हमलाकर 35 बच्चे फरार हो गए। जिनमें 11 को पकड़ लिया गया है। इन बाल आरोपियों ने सुरक्षा में तैनात नगर सैनिकों को भी बंधक बना लिया था।
इस घटना के बाद सकते में आई पुलिस ने पूरे जिले की नाकेबंदी कर दी है और आरोपी बच्चों की तलाश की जा रही है। बाल संप्रेक्षण गृह से भागे बच्चे हत्या, बलात्कार, लूट, प्राणघातक हमले जैसी गंभीर घटनाओं के आरोपी हैं। यह सनसनीखेज घटना रात करीब साढे दस बजे की है। जिसने पूरे प्रशासन को हिलाकर रख दिया है।
सूत्रों के अनुसार रतहरा स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में विभिन्न आरोपों के चलते 46 बच्चे कैद किए गए हैं। जिनमें से अधिकतर को न्यायालय से दंडित किया जा चुका है। बुधवार रात करीब साढे दस बजे दो कमरों में बंद 35 बच्चों ने एक राय होकर पहले रसोइए अरूण कुमार दुबे को अपने कब्जे में लेकर जमकर मारा और मेन गेट की चाभी छीन ली और जब बचाव के लिए सुरक्षा में तैनात दो नगर सैनिकों राजकुमार कोल और आबिद खान आगे बढ़े तो उन्हें भी घेर लिया। दोनों के साथ हाथापाई करते हुए अपने कब्जे में ले लिया।
बंधक बनाने के बाद बाल अपचारियों ने एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। एक साथ 35 बच्चों ने रसोइए दुबे को पीट-पीटकर बेदम कर दिया और बेहोशी हालत में उसे छोड़कर बाल संप्रेक्षण गृह से भाग निकले। बंधक बनाए गए नगर सैनिकों ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम, विश्वविद्यालय थाने और समान चौकी को दी तो सनसनी फैल गई। पुलिस बल मौके पर पहुंचा तब कहीं जाकर नगरसैनिकों की जान में जान आई। रसोइए को होश में लाकर उसके बयान दर्ज किए गए।
सुरक्षा में केवल 2 होमगार्ड
बाल संप्रेक्षण गृह में हुई इस घटना से सुरक्षा की भी पोल खुल गई है। सूत्रों के अनुसार 46 अपचारी बच्चों जिनमे कई हत्या व बलात्कार जैसी घटनाओं के आरोपी हैं की सुरक्षा में महज दो डंडाधारी नगरसैनिक तैनात थे। उनकी मदद के लिए मात्र एक रसोइया रात्रिकालीन डयूटी पर था। जबकि हाउस मास्टर हमीद खान घर पर थे और बाल संप्रेक्षण गृह अधीक्षक जीतेन्द्र गुप्ता विभागीय परीक्षा में सम्मिलित होने जबलपुर गए हुए हैं।
बच्चों के भागने की हाल की चौथी घटना
सूत्रों के अनुसार बाल संप्रेक्षण गृह से अपचारी बच्चों के भागने की यह चौथी घटना है। इससे पहले 9, 7, 2 बच्चे अलग-अलग घटनाओं में यहां से फरार हो चुके हैं। नौ बच्चे खिड़की को तोड़कर भागे थे जिनमें से अभी तक दो ही पकड़ में आए हैं। बाल अपचारी के इतने खतरनाक इरादों के बाद भी सुरक्षा में इस तरह की चूक बरती गई।
ये नाम सामने आए
बाल संप्रेक्षण गृह से भागे बच्चों में जिनके नाम सामने आए हैं उनमें छोटा उर्फ माइकल, राजकुमार बसोर, अंकित सिंह, अमजद खान, शाहरूख खान, राकेश पनिका, सूरज तिवारी, विम, अमित पटेल, रविकिरन, दीपक यादव, संतोष केवट, ओमप्रकाश कुशवाहा, लखन बैगा, विष्णु साकेत, अंकित वर्मा, दिनेश पटवा, अशोक सिंह, इरफान मोहम्मद, सोनू दुबे, कन्हैया साकेत, रामायण बैगा, आफताब खान, रंजीत कुशवाहा, कृष्णा साकेत, अब्दुल करीम, चच्चू सिंह, रजू प्रसाद, रामरतन भुजवा, अजय गौड़, प्रतीक सिंह, पप्पू सिंह, राजेश चौहान, मनोज मरावी, नीलेश (पहचान छिपाने के लिए उनके पते नहीं दिए जा रहे हैं) आदि हैं।
इनका कहना है
रात में बालसंप्रेक्षण गृह से 35 अपराधी भागे थे, जिसमें से 11 को पकड़ लिया गया है शेष की तलाश जारी है। उन्हें भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। यह सभी अपराधी गंभीर अपराधों के तहत बंद थे।