उपदेश अवस्थी/भोपाल। भोपाल में हो रही इंडस्ट्रियल ग्रोथ के चलते यहां रियल एस्टेट मार्केट में उछाल देखने को मिल रहा है। भोपाल के डेवलपर्स का मानना है कि बड़ी इंडस्ट्रीज के भोपाल में दस्तक देने से यहां रेजिडेंशियल सेक्टर में घरों की डिमांड में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में ये बढ़ोतरी दोगुनी होगी।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। भोपाल में सदियों पुराने कई छोटे-बड़े तालाब हैं जिनमें से बड़ा तालाब और छोटा तालाब आज भी भोपाल के प्राचीन वजूद को खुद में संजोए हुए है। पुराना भोपाल हैदराबाद और लखनऊ की तरह अपनी नवाबी शान शौकत के लिए मशहूर है।
यहां मौजूद पुरानी मस्जिदें, किले, इमारतों में भोपाल के इतिहास की झलक देखने को मिलती है। यहां मौजूद ताज उल मस्जिद एशिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है। माना जाता है कि पुराने समय में भोपाल का नाम भूपाल था जो राजा भोज के नाम पर पड़ा जिनकी विशाल मूर्ति भोपाल के बड़े तालाब के बीचोंबीच लगाई गई है। भोपाल बेहद सुंदर और देश के चुनिंदा सबसे ज्यादा हरियाली वाले शहरों में से एक है।
आज भोपाल की पहचान दो हिस्सों में की जा सकती है पुराना भोपाल और नया भोपाल। पुराना भोपाल जहां शहर के पुराने इतिहास को दर्शाता है वहीं नए भोपाल में आने वाले कल की इबारत लिखी जा रही है। आज का भोपाल आधुनिकता की राह में आगे बढ़ रहा है। सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मौजूदगी से शहर की तस्वीर तेजी से बदल रही है। आज भोपाल में 500 से भी ज्यादा सरकारी और प्राइवेट स्कूल और 80 के करीब इंजीनियरिंग कॉलेज हैं।
साथ ही राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी, भोपाल युनिवर्सिटी समेत कई नामी गिरामी टेक्निकल इंस्टि्ट्यूटस हैं, यानि कि भोपाल पूरे मध्यप्रदेश के एजुकेशन हब के तौर पर तेजी उभर रहा है। साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से भोपाल में एम्स जैसे बड़ा अस्तपताल मौजूद है।
भोपाल शहर में जहां एक तरफ न्यू मार्केट जैसे मशहूर बाजार हैं वहीं अब शहर में शापिंग मॉल्स और मल्टीप्लेक्स भी लोगों की बदलती जीवनशैली का हिस्सा बन गए हैं। मौजूदा समय में शहर में 4 बड़े शापिंग मॉल्स हैं जिनमें डीबी सीटी मॉल भोपाल का सबसे बड़ा मॉल है। खास बात ये है कि लोग मॉल्स में घूमने फिरने के अलावा खरीददारी भी जम कर रहे हैं। यहां के लोगों के बीच मॉल कल्चर की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए यहां आने वाले 5 सालों में 3 नए शापिंग मॉल्स खोलने की भी योजना है।
पुराने भोपाल से नए भोपाल के सफर में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलने की वजह से यहां का रियल एस्टेट बाजार भी काफी विकसित हो रहा है। वक्त के साथ हाउसिंग के ट्रेंड में बदलाव देखने को मिल रहा है। इसी बदलाव का नतीजा है कि आज यहां हाउसिंग की डिमांड लगभग दोगुनी हो गई है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तरक्की का पहिया तेजी से दौड़ रहा है। विकास के दम पर ही भोपाल ने कम समय में पूरे देश में अपनी अलग पहचान दिलाई है। भोपाल की बदलती तस्वीर की सबसे बड़ी वजह है यहां हो रहा इंडस्ट्रियल डवेल्पमेंट। आज शहर फार्मा, टेक्सटाइल, मैन्यूफैक्चरिंग, रिटेल और बैंकिंग सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जल्द ही भोपाल में आईटी पार्क बनाने की भी योजना है ताकि आईटी सेक्टर के लिहाज से भी भोपाल को मजबूती बनाया जा सके।
भोपाल उन चुनिंदा टीयर 2 शहरों में शामिल है जहां इंडस्ट्री के लिहाज से मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल्ड लेबर मौजूद हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए यहां बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं। मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित है इसी के चलते भोपाल सड़क, रेल और हवाई यातायात से अच्छे से जुड़ा हुआ है। शहर में हाल ही में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हो रहे सुधार का ही नतीजा है बड़ी इंडस्ट्रीज भोपाल की ओर अपनी रुख कर रही है। हालांकि बीएचईएल और एचईजी जैसी बड़ी इंडस्ट्रीज यहां काफी पहले से है और अब ल्यूपिन, पीएंडजी, पार्ले एग्रो, क्रॉम्पटन ग्रीव्ज और वर्धमान जैसी बड़ी कंपनियां भी यहां यूनिट लगा रही हैं। इस समय भोपाल में दो बड़े इंडस्ट्रियल एरिया हैं पहला साउथ भोपाल से कुछ किमी दूर मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया और ईस्ट भोपाल के पास बना गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया।
भोपाल में हो रही इंडस्ट्रियल ग्रोथ के चलते यहां रियल एस्टेट मार्केट में उछाल देखने को मिल रहा है। भोपाल के डेवलपर्स का मानना है कि बड़ी इंडस्ट्रीज के भोपाल में दस्तक देने से यहां रेजिडेंशियल सेक्टर में घरों की डिमांड में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में ये बढ़ोतरी दोगुनी होगी।
भोपाल के रियल एस्टेट के बढ़ते दायरे की वजह से पुराने भोपाल और नए भोपाल में फर्क साफ देखा जा सकता है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की बदलती सूरत और सीरत में रियल एस्टेट सेक्टर की बड़ी भूमिका है। शहर के रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। शहर में आपको मल्टी स्टोरीड इमारतें और मॉडर्न डुप्लेक्स बंगलो देखने को मिलेंगे। भोपाल का रियल एस्टेट मार्केट ऐंड यूजर्स मार्केट के तौर पर तेजी से उभर रहा है।
शहर के रियल एस्टेट में तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 29 लाख की आबादी वाले भोपाल में आपको हर दस कदम में शहर में आ रहे नए हाउसिंग प्रोजेक्ट का विज्ञाप देखने को मिलेगा। 90 के दशक में भोपाल में रियल एस्टेट ने दस्तक दी और आज यहां का रियल एस्टेट मार्केट न सिर्फ भोपाल बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के घर खरीददारों को अपनी ओर खींच रहा है।
भोपाल उन चुनिंदा शहरों में से है जहां डुप्लेक्स अपार्टमेंट और बंगलो की सबसे ज्यादा मांग है। डुप्लेक्स की बढ़ती मांग के पीछे बड़ी वजह है जमीन की ज्यादा मात्रा में उपलब्धता। दूसरी टीयर 2 शहरों के मुकाबले यहां आपको हाई राइज बिल्डिंग्स कम देखने को मिलेगी। भोपाल के हाउसिंग सेक्टर में ज्यादातर मांग एमआईजी और एचआईजी सेगमेंट में है। मौजूदा समय में शहर में आप 1800 रुपये प्रति वर्गफीट-6000 रुपये प्रति वर्गफीट के बीच घर खरीद सकते हैं।
हाउसिंग सेक्टर में यहां 4 एकड़ से लेकर 100 एकड़ में बड़े टाउनशिपस् और प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं। भोपाल के रेजिडेंशियल सेक्टर की खासियत ये कही जा सकती है कि यहां डिमांड और सप्लाई का तालमेल काफी अच्छा है। भोपाल में मौजूदा समय में 20,000 घरों की सलाना मांग है और इतनी ही सप्लाई भी हो रही है। और यही कारण है कि भोपाल में प्रॉपर्टी के भाव में ज्यादा उतार-चढ़ाव दिखाई नहीं देता है। मेट्रोपोलिटन शहरों के मुकाबले भोपाल में आप किफायती दामों में बढ़िया आशियाना खरीद सकते हैं।
हालांकि शहर में डुप्लेक्स का ही ट्रेंड ज्यादा है लेकिन पिछले 2 सालों में यहां मल्टीस्टोरीड अपार्टमेंटस वाले प्रोजेक्ट भी तेजी से बढ़े हैं। प्रॉपर्टी के जानकारों के मुताबिक भोपाल में नया मास्टर प्लान आने के बाद अगले 5 सालों में हाई राइज बिल्डिंग्स का ट्रेंड यहां और भी जोर पकडेगा। भोपाल के रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले 5 सालों में 100 फीसदी तक की ग्रोथ देखने को मिली है।
मौजूदा समय में शहर में 300 के करीब छोटे-बड़े हाउसिंग के प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं। भोपाल के बिल्डर्स और डेवलपर्स का मानना है कि भोपाल की रेजिडेंशियल मार्केट में जो बात सबसे अलग करती है वो है यहां प्रॉपर्टी पर मिलने वाला अच्छा रिटर्न।
भोपाल में बढ़ती घरों की मांग को पूरा करने में प्राइवेट बिल्डर्स के अलावा राज्य सरकार भी योगदान दे रही है। भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से मौजूदा समय में 4 बड़ी हाउसिंग स्कीम के तहत घर बनाएं जा रहे हैं।