भोपाल। खनिज कारोबारी सुधीर शर्मा की कंपनी एसआर फेरो के खिलाफ भोपाल सीबीआई यूनिट ने प्राथमिकी दर्ज की है। आयकर विभाग की रिपोर्ट में सीबीआई को बताया गया है कि आईबीएम (इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस) के अधिकारियों को सुधीर की कंपनी से पैसा दिया गया था।
इन तथ्यों की जांच करने के लिए सीबीआई ने एसआर फेरो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल इस मामले में सीबीआई के अधिकारी चुप हैं।
आईटी के संपर्क में थी सीबीआई
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई मुख्यालय दिल्ली के तीन अधिकारी करीब दो सप्ताह पूर्व भोपाल आए थे। यहां पर उन्होंने आयकर विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया था। आयकर विभाग की अन्वेष्ाण बिंग और सीबीआई अधिकारियों के बीच बैठकों का लंबा दौर चला था। इसमें छापे की कार्रवाई करने वाले अधिकारियों ने शर्मा के यहां से मिली खदानों की आर्थिक अनियमितता के संदर्भ में दस्तावेज सौंपे थे। भोपाल आने से पहले सीबीआई अधिकारी आयकर विभाग के लगातार संपर्क में थे।
लेन-देन के पुख्ता प्रमाण मिले
सी बीआई को आईबीएम के अधिकारियों के साथ हुए सुधीर शर्मा की कंपनी के लेनदेन के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक नागपुर में पदस्थ अधिकारियों को सुधीर की कंपनी ने रूपए दिए थे, जिस अधिकारी ने सुधीर की खदानों की सेटेलाइट मैपिंग की थी।
कंपनी ने उस अधिकारी का तबादला करवाने में भूमिका निभाई थी। आयकर विभाग से मिली जानकारी और दस्तावेज की एक रिपोर्ट सीबीआई के अधिकारियों ने अलग से रिपोर्ट तैयार की। हाल ही में भोपाल में पदस्थ हुए सीबीआई के डीआईजी एसके भगत को यह रिपोर्ट उनके अधिकारियों ने दी थी। उन्होंने इसका अध्ययन करने के बाद बुधवार को सुधीर शर्मा की कम्पनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
2012 में पड़ा था छापा
20 जून 2012: शर्मा के 14 ठिकानों पर आयकर विभाग ने मारा छापा। आयकर विभाग के 100 से ज्यादा अफसरों ने अकेले सुधीर के घर, दफ्तर और कर्मचारियों के यहां छापा डाला था। 21 जून : झाबुआ में सुधीर शर्मा के घर के पलंग ने उगली नकदी। झाबुआ में अन्य ठिकानों पर भी आयकर विभाग का छापा। 22 जून: शर्मा और उनके परिजनों के एक दर्जन से ज्यादा बैंक लॉकर और खाते सील। 23 जून: सीबीडीटी ने मांगी आयकर विभाग से जानकारी। 24 जून : आयकर कार्रवाई खत्म, लॉकर खोले गए। जेवर और दस्तावेज मिले।