सिंधिया ने पटका तुरुप का इक्का: कहा 'महाराज नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया हूं मैं'

भोपाल। प्रचार अभियान कमेटी के चेयरमैन बनाए जाने के तत्काल बाद से ही बीजेपी ने सिंधिया के खिलाफ सामंतवाद का मुद्दा उठाया, लेकिन नियुक्ति के बाद पहली बार भोपाल आए सिंधिया ने इस मामले में तुरुप का इक्का पटक डाला। उन्होंने कहा कि मैं महाराज नहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया हूं। मुझे यही संबोधन दीजिए।

उन्होंने साफ हिदायत दी कि कोई भी इस तरह के संबोधन का इस्तेमाल न करे। जब उनका ध्यान बैनर और पोस्टरों में उल्लेखित संबोधन की ओर दिलाया गया तो उन्होंने कहा कि मैं आधुनिक भारत का नागरिक हूं कोशिश करूंगा कि कार्यकर्ता भी इस बात को समझें और सामान्य शिष्टाचार अपनाएं।

फिर किया पलटवार: सामंती तो शिवराज कैबिनेट है

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा की ओर से लगाए जा रहे सांमतवाद के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं नहीं शिवराज खुद और उनकी कैबिनेट सांमती हैं। अकेले राज परिवार में जन्म लेने से कोई सामंतवाद का कलंक नहीं लग जाता है। यह तो मानसिकता है जो सरकार के हर कामकाज में देखने को मिलती है।

सिंधिया ने पत्रकारवार्ता में कहा कि भाजपा की जमीन हिल गई है। जनता विश्वासघात का जवाब मांग रही है। इसलिए उन्हें यहां-वहां की बातें करके गुमराह करने का काम किया जा रहा है लेकिन चुनाव इसका जवाब के बाद मिल जाएगा।

सरकार बनने पर मुखिया कौने बनेगा, संबंधी सवाल का सपाट जवाब देते हुए कि जो इस मंच पर बैठे हैं और जो नहीं हैं [कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी अन्य] उन सभी का लक्ष्य सरकार बनाना है। इसके लिए हम सिर्फ आलोचना ही नहीं करेंगे बल्कि अपना एजेंडा भी सामने रखेंगे। इसे घोषणापत्र समिति तैयार करेगी और सरकार बनने पर पूरा कराने का दारोमदार कांग्रेस कमेटी पर होगा। इस दौरान प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश, प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, राष्ट्रीय महासचिव सत्यव्रत चतुर्वेदी, सांसद संजय निरूपम, मीनाक्षी नटराजन, इन्द्रजीट पटेल सहित वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

जीत का फार्मूला सिर्फ विश्वास

सिंधिया से जब कांग्रेस की जीत का फार्मूला पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चुनाव में सिर्फ जनता का विश्वास ही जीत का फार्मूला होता है। अब वक्त बात कम और काम ज्यादा करने का है।

हाईकमान के फैसले का पालन करूंगा

चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपे जाने के बाद मंत्री पद पर बने रहने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि हाईकमान के फैसले का पालन करूंगा। मैं एक कार्यकर्ता हूं, जो जिम्मेदारी दी गई है उसे निभाने में कोई कसर नहीं छोडूंगा।

ईट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं

राज्यसभा सांसद कप्तान सिंह सोलंकी का नाम लिए बगैर सिंधिया ने कहा कि कांग्रेसी वोटरों को वोट देने से रोकने जैसी बात कोई कर भी नहीं कर सकता है। कांग्रेसी ईट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं। कार्यकर्ता पर कोई आंच आई तो जवाब देने से पीछे नहीं हटेंगे।

अव्यवस्था के बीच हुई पत्रकारावार्ता

मीडिया हॉल में पत्रकारों से ज्यादा कार्यकर्ता घुस आए। इस दौरान एक महिला पत्रकार को कार्यकर्ता समझ कुछ पत्रकार उनसे भिड़ भी गए। स्थिति यह बन गई कि कुछ पत्रकारगण पत्रकार वार्ता का बहिष्कार करके बाहर तक निकल गए लेकिन वहां मौजूद नेता उन्हें मनाकर वापस ले आए। मंच पर आते ही सिंधिया और प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश ने अव्यवस्था के लिए कई बार माफी मांगी।


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