भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में अभी भी रैगिंग चल रही है और प्रबंधन रैगिंग का समर्थन भी कर रहा है। वो सतर्क है,लेकिन रैगिंग रोकने के लिए नहीं बल्कि रेगिंग की शिकायत रोकने के लिए। बीते रोज भी एक शिकायत वापस ली गई।
इस मामले में पुलिस भी मैनिट प्रबंधन के साथ है। वो शिकायत पर कार्रवाई नहीं करती बल्कि शिकायत वापस होने का इंतजार करती है। बीती रात मैनिट के हॉस्टल में रैगिंग के दौरान कुछ जूनियर्स ने आपत्ति जताई एवं प्रबंधन से शिकायत की। शिकायत पर जांच करने आए प्रोफेसर डॉ पीके सोनी ने रैगिंग का समर्थन करते हुए शिकायतकर्ता को चुप रहने के लिए कहा।
विवाद बढ़ा तो शिकायतकर्ता स्टूडेंट कमलनगर पुलिस थाने जा पहुंचा। उम्मीद थी कि पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी परंतु ऐसा हुआ नहीं। पुलिस ने एक सादा कागज पर शिकायत ली और हमेशा की तरह इंतजार करने लगी। थोड़ी देर बाद स्टूडेंट पर प्रेशर बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। प्रबंधन ने उसे इस कदर डराया कि अंतत: स्टूडेंट ने ना केवल अपनी शिकायत वापस ली बल्कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए लिखित में माफी भी मांगी।
कुल मिलाकर राजधानी के कॉलेजों में चल रही रैगिंग रुकने का नाम नहीं ले रहीं हैं और प्रबंधन व जवाबदार अफसर केवल शिकायतें रोकने की प्रक्रिया में ही जुटे रहते हैं। पिछले दिनों आरकेडीएफ कॉलेज में हुई रैगिंग और आत्महत्या के मामले में रैगिंग साबित हो चुकी है बावजूद इसके आरकेडीएफ कॉलेज की मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया अभी तक प्रारंभ नहीं की गई है।
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