अनूपपुर(राजेश शुक्ला)। जैतहरी स्थित मोजर वेयर पावर प्लांट में वर्ष 2008 से भूमि अधिग्रहण के साथ ही विवादों की श्रृंखला जुड़ी आ रही है, गत वर्ष 5 मई को ग्रामीणों के हमले पुलिस अधीक्षक समेत दो दर्जन अधिकारी घायल हो गये थे।
आये दिन छिटपुट हिंसा की खबरे आती रहती है 28 सितम्बर को भी मजदूरों का दो समूह आपस में भिड़ गया। स्थानीय मजदूरों ने मोजर वेयर प्रबंधन के अधिकारी आर.के. खटाना के विरूद्ध थाने में शिकायत दर्ज कराई कि साहब ने हमला करने के साथ ही सुरक्षा कर्मियों से मजदूरों की पिटाई कराई।
मोजर वेयर प्लांट में निर्माणाधीन कार्य के बीच स्थानीय मजदूर व बाहरी मजदूरों का समूह आपस में भिड गया, पावरमेक में कार्यरत दूसरे राज्यों के मजदूरों ने क्योटार ग्राम के मजदूरों के साथ दो दिन पूर्व से विवाद कर रहे थे, 28 सितम्बर को इसी विवाद के पटाक्षेप के लिये स्थानीय मजदूरों ने काम बंद करने की मुनादी कर दी जिसके बाद माहौल हिंसक हो गया। भिंडत में दोनो पक्षों के आधा दर्जन मजदूर घायल होकर अस्पताल पहुंचे। जैतहरी थाने पहुंचे स्थानीय मजदूरों ने मोजर वेयर के अधिकारी पर जान लेवा हमला कराने के आरोप लगाये।
अधिकारी की सह पर
घटना के बाद अपनी शिकायत लेकर थाना जैतहरी पहुंचे ग्रामीणों ने मोजर वेयर प्रबंधन के अधिकारी आर.के. खटाना पर हमला कराने तथा स्वयं मारपीट करने के आरोप लगाये, हमले में दिनेश कुमार पिता बैसाखु लाल राठौर उम्र २० वर्ष निवासी क्योटार गंभीर रूप से घायल हो गया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैतहरी में इलाज के लिये दिनेश को भर्ती कराया गया उसने भी अधिकारी आर.के. खटाना पर आरोप लगाया कि साहब ने लोहे की सरिया से मुझ पर हमला किया।
थाने के बाहर बैठे ग्रामीण
दो घंटे तक शिकायत के बाद किसी भी तरह की कायमी न होने से नाराज ग्रामीण थाने के बाहर धरने पर बैठे गये, ग्रामीणों का आरोप था कि आये दिन पावर प्लांट प्रबंधन बाहरी मजदूरों को संरक्षण देकर स्थानीय मजदूरों पर हमले कराती है वहीं किसी भी तरह की शिकायत को थाने में पंजीबद्ध नही किया जाता आज जब तक कायमी नही हो जाती हम धरने से नही उठेगें। ग्रामीणों के विरोध और घायल दिनेश राठौर की शिकायत पर मोजर वेयर के एचआर अधिकारी आर.के.खटाना, विनय मिश्रा तथा एक अज्ञात के विरूद्ध २९४, ३२३, ५०६ का मामला पंजीबद्ध किया गया।
फिर गरमाई राजनीति
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय अध्यक्ष राकेश सिंह टिकैत के नेतृत्व में गत वर्ष हुयें आंदोलन में हिंसात्मक हो गया था, जिसके बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाई और १६ महिने तक मोजर वेयर में शांति रही। २८ सितम्बर की घटना के बाद स्थानीय ग्रामीण और प्रभावित फिर से लामबंद दिखे। आगामी आने वाले दिनों में बैराज के लिये पाइप लाईन की राह में राजनीति नई मुश्किले पैदा करेंगी।
प्रबंधन हुआ खामोश
पूरे मामले में मोजर वेयर प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है, घटना को वह मजदूरों का आपसी संघर्ष बतला रही है, जबकि अधिकारी पर लगे आरोपो के संबंध में वह कुछ भी कहने से बचती रही ग्रामीण खुलकर अधिकारियों पर आरोप लगा रहे थे और प्रबंधन अपने अधिकारियों के बचाव में खुलकर डटी रही।
इनका कहना है
दो मजदूर समूहो के बीच तालमेल न बन पाने के कारण विवाद उत्पन्न हो गया था अधिकारी इस विवाद को सुलङााने के लिये गये थे ना कि किसी पर हमला करने या कराने के लिये।
तरूण कुमार
मीडिया प्रभारी मोजर वेयर पावर प्लांट, जैतहरी
शिकायत के बाद मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है, किसी भी तरह की देरी नही हुई है।
आर.एस.मीणा
पुलिस अधीक्षक, अनूपपुर