भोपाल। तकनीकी कॉलेजों में रैगिंग रोकने ने लिए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) ने सीनियर व जूनियर स्टूडेंट की क्लास टाइमिंग को अलग- अलग रखने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में विवि प्रबंधन ने संबद्ध सभी तकनीकी कॉलेजों को पत्र लिखा है। आरजीपीवी का यह एहतियातन यह कदम उठाया गया है। आरजीपीवी प्रबंधन के मुताबिक सीनियर व जूनियर की अलग- अलग समय पर क्लास लगाने का मकसद उन्हें निराश करने का नहीं है, बल्कि कॉलेज परिसर में रैगिंग की समस्या से निजात पाने का है, जिससे विवि सहित सभी तकनीकी कॉलेजों को रैगिंग मुक्त परिसर बनाया जा सके।
वहीं स्टूडेंट को सुरक्षित माहौल प्राप्त हो सके। प्रबंधन के मुताबिक फर्स्ट ईयर स्टूडेंट को शुरुआती दौर में एक अच्छे वातावरण की अपेक्षा रहती है। इस व्यवस्था से सीनियर-जूनियर के बीच आपसी- तालमेल का किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह व्यवस्था सिर्फ फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट के लिए लागू की जाएगी। जिससे वे एक वर्ष में कॉलेज के माहौल को अच्छी तरह जान सकेगा। कॉलेज व स्टूडेंट्स से मांगी राय: आरजीपीवी प्रबंधन के मुताबिक सीनियर व जूनियर स्टूडेंट के लिए इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कॉलेजों से कहा है।
इस व्यवस्था को अनिवार्य करने से पहले आरजीपीवी प्रबंधन इस संबंध में स्टूडेंट की राय भी जानना चाहता है। स्टूडेंट्स की राय जानकर इस व्यस्था को अगले सेमेस्टर से लागू करने पर अंतिम मोहर लग सकती है। प्रबंधन के मुताबिक सीनियर व जूनियर स्टूडेंट के बीच करीब 2 घंटे का अंतराल किया जा सकता है। आरजीपीवी ने कॉलेज प्रबंधनों को सीनियर व जूनियर के बीच रैगिंग रोकने के लिए स्टूडेंट को जागरूक करने इंट्रेक्टिव सेशन आयोजित करने को कहा है।