भोपाल। ढाई महीने बाद सही सलामत घर लौटे रमेशचंद्र भारती को देखकर घरवालों की आंखों में आंसू आ गए। उत्तराखंड त्रासदी में लापता हुए भोपाल के 22 तीर्थयात्रियों में से एक रमेश चंद्र भारती की घर वापसी तो हो गई है, लेकिन बीमारी और कमजोरी के कारण अभी ज्यादा चलने फिरने की स्थिति में नहीं हैं।
दूसरी ओर, लापता तीर्थयात्रियों की सूची में शामिल होने के कारण जिंदा लौटने की खबर मिलते ही जिला प्रशासन ने तलब किया है। ढाई माह तक लापता भारती (48 वर्ष) शनिवार को अपने घर मकान नंबर -42 कपिला नगर, बैरसिया रोड पहुंचने की जानकारी सोमवार को उनके छोटे भाई मोहन भारती ने सुबह 11 बजे फोन पर कलेक्टर कार्यालय को दी।
खास बात यह है कि जिला प्रशासन द्वारा लापता सूची में रमेश चंद्र का नाम होने के बाद भी उनके भाई मोहन भारती ने किसी तरह की सरकारी मदद नहीं ली थी। मोहन भारती के अनुसार पूरे परिवार को बडे भाई के जिंदा होने का भरोसा था, इसीलिए सरकारी मदद नहीं ली और अंतिम क्रिया कर्म भी नहीं किया।
बड़े भाई ने घर पहुंचकर बताया कि उत्तराखंड में भारी बारिश और तबाही से पहले ही वह हरिद्वार पहुंच गए थे। भारी बारिश से केदारनाथ सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर जो तबाही मची, उसका दृश्य देखकर बड़े भाई अपना संतुलन खो बैठे थे और बीमार हो गए। इसी कारण न तो प्रशासन और न घरवालों को सूचना दे सके।
अचानक चले गए थे तीर्थयात्रा पर
मोहन के अनुसार मनमौजी प्रवृत्ति वाले रमेश ने शादी नहीं की है। भजन पूजन व संतों की संगत ही उनका शौक है। वह कभी भी कहीं भी उठकर चल देते थे। ऐसा ही ढाई माह पहले हुआ था, अचानक केदारनाथ की यात्रा पर चले गए थे। उनके लापता होने की सूचना के बाद सभी बहनें भोपाल आ गई थीं, अब वापसी की सबको सूचना दी गई है।