आकांक्षा श्रीवास्तवा/भोपाल। एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग राजधानी में मातृ मृत्यु दर कम करने की हर कोशिश कर रहा है, वहीं जननी सुरक्षा एक्सप्रेस व 108 एंबुलेंस के ड्राइवर सरकार की इस योजना में सेंध लगाने पर तुले हैं। सांठ-गांठ कर ड्राइवर प्रसूताओं को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराने के बजाए निजी अस्पतालों में भर्ती करा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आलम ये है कि जिला अस्पतालों से प्रसूताओं को सुल्तानिया जनाना अस्पताल रिफर किया जाता है, लेकिन 80 प्रतिशत मामलों में ड्राइवरों द्वारा प्रसूताओं को निजी अस्पताल में भर्ती करया जा रहा है।
हालांकि इस बावत सीएमएचओ डॉ.पंकज शुक्ला का कहना है कि अगर शहर में इस तरह से नियमों को ताक पर रखकर जननी सुरक्षा एक्सप्रेस व 108 एंबुलेंस के ड्राइवर द्वारा की जा रही इस तरह की हरकत सच है तो विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत कोई भी सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र मामला गंभीर होने पर ही प्रसूताओं को सुल्तानिया जनाना अस्पताल रिफर किया जाएगा।