भोपाल। मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा को अमल में लाते हुए मध्यप्रदेश के अध्यापक संवर्ग के लिए समान कार्य समान वेतन के आदेश आज शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर जारी कर दिए, हालांकि उन्होंने गुरूपूर्णिमा से पूर्व का वचन दिया था।
इन आदेशों की सभी अध्यापक संगठन अपने अपने स्तर पर समीक्षा कर रहे हैं एवं सबसे पहले अध्यापक कोर कमेटी ने इस आदेशों के प्रति असंतोष जाहिर किया है।
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अध्यापक कोर कमेटी की ओर से कहा गया है कि आखिर वो ही हुआ जिसका डर था। अध्यापक कोर कमेटी ने हर बार जो बात कही थी वो सच साबित हुई। आदेश समान कार्य के नाम पर अध्यापको के साथ छल किया गया है। अध्यापक ध्यान दे। सरकार ने जारी किया अध्यापको के सपनो का खूनी आदेश।
1 राज्य के अध्यापको से तुलना कर वेतन गणना 2007 से गई है जबकि 10 की वरिष्ठता को सरकार ने नहीं माना है। ये कैसी गणना है कैसे कहे समान वेतन।
2 वर्ग 3 महज 700 वर्ग 2 को महज 800 व वर्ग 1 को केवल 1000 रु का वार्षिक लाभ। ये लाभ अगले 4 सालो में एक जैसा होगा।
3 - 2016 में भी हमें समान वेतन नहीं मिलेगा - 7 वे वेतन का लाभ कभी नहीं मिलेगा।
4 - 2016 के अंतिम लाभ के लिए भी अंतरिम राहत ही दी जा रही है कही नहीं है समान वेतन का जिक्र।
अध्यापक कोर कमेटी इस खानापूर्ति भरे आदेश का पुरजोर विरोध करती है। कल 5 सितम्बर को दशहरा मैदान भोपाल पर हमारा प्रदर्शन होगा। ये सिर्फ धोखा है . धोखा है धोखा है। अध्यापक भोपाल पहुचे। और जो संतुष्ट है वो कृपया जाने वालो को ना रोके। ज़िन्दगी के अगले 4 साल भी बर्बाद हो रहे है। शेष स्वभिमान को जिंदा रखो।
शेष संगठनों की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है। आप अपनी प्रतिक्रियाएं नीचे कमेट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं।