मध्यप्रदेश चुनावों से शुरू हो सकता है 'राइट टू रिजेक्ट'

भोपाल। राइट टू रिजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पहला ट्रायल मध्यप्रदेश चुनाव में हो सकता है। चुनाव आयोग का आदेश मिलते ही इस पर काम भी शुरू हो जाएगा।

अधिकारियों की मानें तो नए प्रावधान के लिए अतिरिक्त ईवीएम की जरूरत पड़ सकती है, वहीं बैलेट पेपर पर एक विकल्प बढ़ाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई के बाद चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि मतदान के वक्त ईवीएम में ‘इनमें से कोई नहीं’ नाम से एक बटन हो।

इससे किसी भी उम्मीदवार को पसंद न करने वाला मतदाता यह बटन दबा सकता है। चुनाव आयोग को मध्यप्रदेश समेत राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनावों में इसका प्रावधान करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब भारतीय चुनाव आयोग के रुख का इंतजार है।

दिल्ली मुख्य निर्वाचन कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। अगर चुनाव आयोग इस फैसले को लागू करने का आदेश देता है तो कोई बड़ी दिक्कत नहीं होगी।

इसके लिए ईवीएम में एक बटन ‘इनमें से कोई नहीं’ दे दी जाएगी। एक मशीन में 16 बटन होते हैं और अगर उम्मीदवारों की संख्या नए विकल्प के साथ 16 से ज्यादा हुई तो पोलिंग स्टेशनों पर ईवीएम की संख्या बढ़ा दी जाएगी।


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