बीजेपी का सिरदर्द: सिंधिया को कैसे घेरेंगे, कोई फुलप्रूफ प्लान नहीं

भोपाल। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने के लिए भाजपा में कई स्तरों पर मंथन शुरू हो गया है। कभी वो बड़बोले प्रभात झा को तो कभी अस्त हो चुके जयभान सिंह को सिंधिया के खिलाफ उतारने की तैयारियां कर रहे हैं। चलिए एक एक करके गिनते हैं:-

पार्टी का मानना है कि सिंधिया के खिलाफ प्रभात झा को खुली छूट दे देंगे। वो किसी की भी नाक में दम कर देने के लिए काफी हैं, लेकिन पिछले दिनों सिंधिया की खिलाफत के चलते प्रभात झा मुंह की खा चुके हैं। बिना आंकड़ों के सिंधिया पर हमला कर प्रभात झा की काफी किरकिरी हुई थी।

पार्टी का विचार है कि जयभान सिंह पवैया को सक्रिय कर दिया जाए। पवैया का कद सिंधिया विरोध के कारण ही बढ़ा है परंतु पवैया का सबसे नेगेटिव फैक्टर यह है कि जब तक पवैया सिंधिया विरोधी रहे लोगों ने खूब सराहा, लेकिन जैसे ही वो सांसद बने, लोगों ने उन्हें पलटकर भी नहीं देखा। आज हालात यह हैं कि वो ग्वालियर किसी किसी भी सीट से विधानसभा चुनाव तक नहीं जीत सकते, भले ही प्रदेश में शिवराज की लहर हो।

पार्टी का विचार है कि जहां जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया जाएंगे, यशोधरा राजे सिंधिया को उनके पीछे लगा दिया जाएगा। निश्चित रूप से विचार प्रभावी रहेगा परंतु मुकाबला शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच हो रहा है, इसलिए यशोधरा राजे सिंधिया को लोग सुनने तो आएंगे परंतु....।

पार्टी का विचार है कि यदि सिंधिया भाजपा के चेहरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरते हैं, तो पार्टी के नेता सिंधिया को केंद्र सरकार पर लगे घोटालों के आरोपों से जोड़ेगी। साथ ही बोलेगी कि जिस केंद्र की सरकार ने लाखों करोड़ रुपए के घोटाले किए, सिंधिया उसी कैबिनेट के सदस्य हैं।
लेकिन इस प्लानिग में भी दम नहीं है, क्योंकि भ्रष्ट केबीनेट मंत्रियों के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को लोग जब व्यक्तिगत रूप से अच्छा मान रहे हैं तो भ्रष्ट केबीनेट के अच्छे सदस्य को अपने साथियों का नुक्सान कैसे हो सकता है।

शिवराज के मैनेजर्स घबराए हुए हैं इसी के तहत जन आशीर्वाद यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव कर शिवराज ग्वालियर और सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्रों में पिछले पांच दिन से सक्रिय हैं। शिवपुरी-ग्वालियर की यात्रा 13-14 सितंबर को प्रस्तावित थी, जिसे 6-7 सितंबर कर दिया गया। इसी प्रकार राघौगढ़-गुना का यात्रा कार्यक्रम में भी पहले कर दिया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर में मुख्यमंत्री लगातार 8 घंटे रहे, यह भी उसी रणनीति का हिस्सा है।

शिवराज-तोमर को चुप रहने के निर्देश

सिंधिया के मामले में शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर थोड़ा संयम बरतेंगे। संगठन ने तय किया है कि सीधे तौर पर दोनों नेता सिंधिया के आरोपों का जवाब नहीं देंगे, जब तक कि कोई बड़ा मुद्दा न हो। जहां तक हो सके प्रवक्ताओं का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि यदि कोई गलती हो जाए तो उसे सुधारने की गुुंजाइश बनी रहे।



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