जबलपुर। मीडिया का समान का क्या प्रभाव पड़ता है इसका एक दर्ज कर लेने वाला नमूना मध्यप्रदेश के जबलपुर में पेश आया, जहां महज 9 साल के बच्चों ने अपनी ही हम उम्र लड़की का गैंगरेप करने की कोशिश की।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) महेन्द्रचंद जैन ने गुरुवार को बताया कि पाटन निवासी पीड़ित बालिका का पिता बुधवार को मजदूरी करने गया था और उसकी मां गमी में शामिल होने के लिए गई हुई थी।
इसी दौरान घर में अकेली बालिका को बुधवार को दो बच्चे एक अन्य बच्चे के घर में ले गए, जहां तीनों ने मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की कोशिश की, निमर्मता से मारपीट की और वो सबकुछ करने की कोशिश की जो उन्होंने टीवी पर दामिनी गैंगरेप कांड में देखा या सुना था।
आज से कोई 15 साल पहले जब देश में मीडिया नहीं पत्रकारिता हुआ करती थी तब इस बात का खास खयाल रखा जाता था कि किस खबर का समाज का क्या प्रभाव होगा, किसे तूल दिया जाए और किसे नहीं। कई बार ऐसे गंभीर अपराधों को प्रकाशित नहीं किया जाता था जो सामाजिक तानेबाने के लिए नकारात्मक संदेश लेकर आते हों। आखिर पत्रकारिता की जवावदेही समाज के प्रति ही होती थी परंतु जब से पत्रकारिता ने मीडिया का रूप लिया है....।