भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने प्रेस वार्ता कर बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आश्वासनों पर लगातार विश्वास करके मप्र के संविदा कर्मचारियों ने आज तक हड़ताल नहीं की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कथन ’’ कि कोई कर्मचारी संगठन आंदोलन नहीं करे वो मेरे पास आए और मैं बिना आंदोलन के उनकी मांगे पूरी करूंगा‘ इस कथन पर दो लाख संविदा कर्मचारी विश्वास करते रहे । इसलिए पिछले पांच वर्षो से संविदा कर्मचारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन देते रहे और उनके कथन पर विश्वास करते रहे कि मुख्यमंत्री आज नहीं तो कल कभी ना कभी संविदा कर्मचारियों की पीड़ा और समस्याओं को समझेगें और संविदा कर्मचारियों को नियमित करेगें ।
म.प्र. सरकार जिसके मुखिया शिवराज सिंह चौहान हैं ने नियमित तो किया नहीं बल्कि शासन में बैठे उनके उच्च अधिकारियों ने मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना के 110 तकनीकी सहायकों, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन के बैतुल, ग्वालियर, नरसिंहपुर के जिला कार्यक्रम प्रबंधकों एवं सर्वषिक्षा अभियान में बड़वानी जिले के छः इंजीनियरों की सेवाएं बिना किसी कारण के समाप्त कर दी ।
महासंघ ने हटाए गए संविदा कर्मचारियों की बहाली के लिए लगातार ज्ञापन दिये लेकिन सरकार की और से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला और हटाए गये संविदा कर्मचारियों की बहाली अभी तक नहीं हुई। दूसरी तरफ एक महीने में आचार संहिता लगने वाली है और अभी तक म.प्र. शासन के विभागों और उनकी परियोजनाओं में कार्यरत 2 लाख संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया, जिससे दो लाख संविदा कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त हो गया है और मजबूरीवश संविदा कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने और आंदोलन का निर्णय लेना पड़ रहा है।
इसलिए म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ की प्रांतीय बैठक में निर्णय लिया गया है कि यदि आगामी मंत्री परिषद की बैठक में या 8 सितम्बर तक म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों एवं उनकी परियोजनाओं में कार्यरत 2 लाख संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण तथा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना के 110 तकनीकी सहायकों, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन बैतुल, ग्वालियर, नरसिंहपुर के जिला कार्यक्रम प्रबंधकों एवं सर्वषिक्षा अभियान में बड़वानी जिले के छः इंजीनियरों को बहाल नहीं किया जाता तो 9 सितम्बर 2013 से म.प्र. समस्त विभागों एवं उनकी परियोजनाओं में कार्यरत 2 लाख संविदा कर्मचारी प्रदेशव्यापी सत्याग्रह आंदोलन करगें तथा 16 सितम्बर 2013 से अनिष्चित कालीन हड़ताल पर चलें जायेगें ।
म.प्र. के 2 लाख संविदा कर्मचारी सरकार से लगातार नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं जो कि विधिवत्, भर्ती प्रक्रिया, लिखित परीक्षा, साक्षात्कार, के बाद सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा नियुक्त हुयें हैं । वहीं सरकार ने दूसरी तरफ बिना किसी भर्ती प्रक्रिया के नियुक्त षिक्षाकर्मियों, पंचायत कर्मियों, गुरूजियों जिनकी नियुक्ति संरपचों, ग्राम समुदायों के द्वारा की गई थी, उनका मानदेय केन्द्र सरकार की परियोजनाओं से प्राप्त धनराषि से मिलता था, ऐसे षिक्षाकर्मियों, पंचायत कर्मियों, गुरूजियों को सरकार ने कैबिनेट में पदों का निर्माण कर नियमित दिया ।
म.प्र. सरकार के विभिन्न विभागों में 70 हजार पद रिक्त पड़े हैं सरकार उन पर नई भर्ती कर रही है, नई भर्ती की बजाए म.प्र. सरकार चाहे तो उन पदों पर संविदा कर्मचारियों को नियमित कर सकती है । संविदा कर्मचारियों को नियमित करने से राज्य सरकार पर किसी प्रकार का वित्तीय भार नहीं आयेगा क्योंकि अधिकांष संविदा कर्मचारी राज्य सरकार द्वारा संचालित परियोजनाएं जिनमें केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जा रही है, में कार्य कर रहे हैं।
ये योजनाएं दस - पन्द्रह वर्षो से चल रही हैं संविदा कर्मचारियों को कार्य करते हुये 10 से 15 वर्ष हो गये हैं। संविदा कर्मचारियों की औसत आयु 40 से 45 वर्ष के बीच में है। वेतन और भत्तो की राशि केन्द्र सरकार दे रही है, और ये योजनाएं आगामी दस से पन्द्रह वर्ष और चलनी हैं, जब तक योजनाएं चलेंगी तब तक संविदा कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जायेगें जिससे म.प्र. सरकार पर वित्तीय भार नहीं आयेगा। और जो संविदा कर्मचारी विभागीय पदो ंके विरूद्व कार्य कर रहे हैं उनका बजट राज्य सरकार से पूर्वतः ही प्राप्त होता रहेगा, इसलिए यदि संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण कर दिया जाता है तो म.प्र. शासन पर वित्तीय भार भी नहीं आयेगा । उसके बाद भी म.प्र. सरकार संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं कर रही है जिससे 2 लाख संविदा कर्मचारियों में आक्रोष है । म.प्र. सरकार ने जो कर्मचारी प्रथम पंक्ति में खड़े थे उन नियमित कर्मचारियों को त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान, केन्द्र के समान मंहगाई भत्ता, केन्द्र के समान ग्रेड पे, अध्यापकों को समान कार्य समान वेतन,ऐसी सुविधाएं प्रदान कर दीं लेकिन जो संविदा कर्मचारी अंतिम पंक्ति में खड़ा है और वर्तमान शासन और प्रषासन व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है और सबसे ज्यादा कार्य कर रहा है, ऐसे संविदा कर्मचारियों की और म.प्र. सरकार ने ध्यान नहीं दिया है।
संविदा कर्मचारियों की पीड़ा यह है कि
(1) संविदा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है । (2) हर साल संविदा बढ़ती है, संविदा बढ़ाने वाले अधिकारी ब्लेक मेल करते हैं अनेक जिलों में संविदा कर्मचारियों को संविदा बढ़वाने के लिए एक - एक माह का वेतन तक देना पड़ता है । (3) संविदा कर्मचारी मर जाए तो विभाग की और से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती संविदा कर्मचारी आपस में चंदा करके उसकी अंन्त्येष्टी करते हैं (4) संविदा कर्मचारियों को जब चाहे हटा दिया जाता है, हटाते वक्त उसको अपना पक्ष रखने का अवसर तक नहीं दिया जाता (5) बुढ़ापे तक एक ही पद पर कार्य करते हैं किसी प्रकार की पदोन्नति, समयमान वेतनमान, नहीं दिया जाता । (6) केन्द्र सरकार से मिलने वाला पैसा भेले ही लैप्स हो जाए पर गृह भाड़ा भत्ता, चिकित्सा भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, अर्जित अवकाष, चिकित्सा अवकाष, एक्सग्रेसिया नहीं दिया जाता । इसलिए म.प्र. के संविदा कर्मचारियों ने आंदोलन का निर्णय लिया है ।
स्ंाविदा कर्मचारियों की मांगे हैं:-
(1) म.प्र. के सभी विभागों एवं परियोजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को शीध्र नियमित किया जाए।
(2) नई सीधी भर्ती बंद कर उन पदों पर सबसे पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए ।
(3) जिन विभागों में संविदा कर्मचारियों को हटाया गया है उनकी तत्काल बहाली की जाए । और जब तक संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाता तब तक किसी भी संविदा कर्मचारी को हटाया नहीं जाए ।
(4) संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की भांति, गृह भाड़ा भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, चिकित्सा अवकाष, अनुकम्पा निुयक्ति, चिकित्सा अवकाष, एक्सग्रेसिया, वाहन भत्ता, समय - समय पर बढ़ने वाला मंहगाई भत्ता दिया जाए ।
प्रेस वार्ता में म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेष अध्यक्ष रमेष राठौर, महामंत्री रमेष सिंह, म.प्र. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राहुल जैन, म.प्र. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा संविदा कर्मचारी संघ के प्रषंात तिवारी, देवेन्द्र उपाध्याय, महेन्द्र सिंह, नीलेष जैन, टी.बी. स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय ठक्कर, अमित नेगी, भोज विष्वविघालय संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनुप सिंह बुदेला आदि बड़ी संख्या में विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
(रमेष राठौर)
प्रदेष अध्यक्ष
मो. 9425004231