भोपाल। मुख्य सचिव परशुराम ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढाकर 62 वर्ष किये जाने का समर्थन किया है लेकिन स्पष्ट किया कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन नहीं है।
उनका यह भी मानना है कि डेढ़ साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ काम करने में उन्हें कभी कोई कठिनाई नहीं हुई। मुख्य सचिव आर परशुराम ने अपनी सेवानिवृत्ति के एक दिन पहले एक न्यूज एजेंसी से कहा कि उनका व्यक्तिगत मत है कि यदि शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जाती है तो कोई नुकसान नहीं है, क्योंकि आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के चलते अब लोगों की उम्र बढ़ गयी है।
परशुराम आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल शासन के समक्ष सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने सबंधी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वैसे भी राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में कर्मचारियों की सेवानिवृति आयु में पूर्व से ही वृद्धि कर दी गई है। यह एक नीतिगत मामला है और इस बारे में मंत्रिमंडल द्वारा ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।
रघुराम राजन कमेटी द्वारा मप्र को पिछडे राज्यों में बताये जाने संबंधी प्रश्न के उत्तर में परशुराम ने स्वीकार किया कि देश के हिन्दी भाषी राज्यों में मध्यप्रदेश भी पिछडे राज्यों के साथ हैं लेकिन उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से मप्र बीमारु राज्यों की श्रेणी से बाहर निकल आया है।