इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर मे विशेष अदालत ने बलात्कार की झूठी रिपोर्ट लिखाने के मामले मे दोषी पाए जाने पर एक महिला को आज चार वर्ष का कारावास और अर्थदंड सुनाया।
विशेष न्यायायाधीश इंदिरा सिंह ने श्रीमती चंचल राठौर को सजा सुनायी। उन्हे लोकसेवक को असत्य जानकारी देने के मामले मे दोषी पाए जाने पर छह माह का कारावास और एक हजार रूपए जुर्माना तथा किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए असत्य जानकारी देने के मामले मे दोषी पाए जाने पर चार वर्ष का कारावास और दस हजार रूपए अर्थदंड सुनाया। यह दोनो सजाएं साथ.साथ चलेगी।
अभियोजन के अनुसार चंचल राठौर ने 26 दिसंबर 2012 को पलासिया थाने मे शपथपत्र देकर रिपोर्ट र्दज करायी थी कि मकान मालिक रूपकिशोर अग्रवाल ने उसके साथ घर मे घुसकर बलात्कार किया। इस आधार पर पुलिस ने तफतीश के बाद आरोपपत्र अदालत मे पेश किया।
सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती सबिता दुबे की अदालत मे इसी वर्ष मार्च माह मे फरियादी महिला चंचल राठौर बलात्कार की बात से मुकर गयीं। अदालत ने मामले की पडताल के बाद फरियादी के खिलाफ असत्य जानकारी देने का मामला र्दज करने के निर्देश दिए। पलासिया पुलिस ने चंचल राठौर के खिलाफ ही मामला र्दज करके उसके खिलाफ विशेष अदालत मे आरोपपत्र पेश किया।
विशेष न्यायाधीश ने सुनवायी के दौरान आरोप सही पाए और फिर महिला को सजा से दंडित किया।
इस बीच महिला ने जिस मकान मालिक के खिलाफ बलात्कार की असत्य रिपोर्ट र्दज करायी थी रूपकिशोर अग्रवाल नाम के उस व्यक्ति ने इससे व्यथित होकर फरवरी माह में आत्महत्या कर ली थी। रूपकिशोर ने आत्महत्या के पहले लिखे पत्र मे लिखा था कि वह असत्य आरोप से व्यथित होकर यह कदम उठाने मजबूर हुआ है।