हाईकोर्ट का एज्यूकेशन बोर्ड को आदेश, गलत मार्कशीट क्यों दी, 1 लाख का जुर्माना दो

भोपाल/जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने कम अंक वाली गलत मार्कशीट जारी करने व उससे छात्रा को होने वाले नुकसान के मामले को काफी गंभीरता से लिया। एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन और जस्टिस विमला जैन की युगलपीठ ने मामले में माध्यमिक शिक्षा मंडल को निर्देशित किया है कि वह पीड़ित छात्रा को क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपए का हर्जाना दें।

इसके साथ ही युगलपीठ ने माशिमं को स्वतंत्रता प्रदान की है कि वह चाहे तो मामले की जांच कर दोषी अधिकारी से उक्त राशि वसूल कर ले। यह मामला सिहोर निवासी कु. वैशाली तिवारी की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि उसने वर्ष 2012-2013 के सत्र में बारहवीं की परीक्षा दी थी। इसके पहले उसने अप्रैल माह में आयोजित प्री जेईई परीक्षा दी थी, जिसकी निर्धारित शर्तों के तहत मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम 90 प्रतिशत अंक आवश्यक थे। 

माध्यमिक परीक्षा मंडल भोपाल ने मई माह में बारहवीं का रिजल्ट घोषित किया था। उसे हिन्दी विषय में 75 अंक प्राप्त हुए थे, जो उसकी अपेक्षा के अनुकूल नहीं थे। जिसके बाद छात्रा की ओर से पुर्नमूल्यांकन के लिए आवेदन किया गया था,

जिसमें नो- चेंज बताया गया था। आवेदक की ओर से कहा गया कि इसके बाद उसने आरटीआई के तहत उसे 8 अगस्त को उत्तर पुस्तिका देखने को मिली। जिसमें हिन्दी विषय में उसे 90 अंक मिले थे। पूर्व में जारी की गई मार्कशीट में उसके 87.4 प्रतिशत अंक थे और उसे सही अंक दिए जाते तो उसके 90.4 प्रतिशत अंक होते। गलत अंक व मार्कशीट दिए जाने के कारण वह जेईई की मुख्य परीक्षा में बैठने से वंचित रह गई। सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिए।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!