भोपाल। आरकेडीएफ कालेज के डायरेक्टर और प्राचार्य के अलावा दो अन्य लोगों से पुलिस ने गुरुवार रात करीब साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उन्होने अपना पक्ष रखते हुए सफाई दी।मैनेजमेंट ने पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ लिया और अनजान बन गया, जबकि उसका अपना प्रोफेसर इस मामले में जेल में है।
इन लोगों को पुलिस ने नोटिस देकर कालेज की फार्मेसी में पढ़ने वाली छात्रा अनिता शर्मा के खुदकुशी करने के मामले में पूछताछ करने के लिए कमला नगर थाने बुलाया था। रात करीब सवा आठ बजे आरकेडीएफ के डायरेक्टर और फार्मेसी कालेज के प्राचार्य राजीव चांडोक, उप प्राचार्य राकेश बुनेकर और एसोसिट प्रोफेसर डा नीरज उपमन्यु अपने पीआरओ रवि खरे के साथ थाने पहुंचे थे।
इस दौरान उनसे अनीता शर्मा द्वारा सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों, अनीता का किसी से विवाद और आरोपी मनीष गुप्ता की भूमिका के अलावा एंटी रैगिंग कमेटी को लेकर पूछताछ की गई। प्राचार्य ने इस दौरान पुलिस को बताया कि मृतका ने कभी कोई मौखिक या लिखित शिकायत नहीं की।
उन्होंने कॉलेज का शिकायत रजिस्टर भी पुलिस को दिखाया। उसमें मृतका अनीता के नाम से किसी भी शिकायत का कोई रिकार्ड नहीं मिला। उन छात्राओं के बारे में भी पूछताछ की जिनके नाम सुसाइड नोट में लिखे गए थे। पुलिस इस मामले में इन लोगों को एकबार फिर पूछताछ के लिए बुला सकती है।
